राहुल गाँधी जी, अगर चीनी सेना 1200 Km भीतर आ गई है तो आप चीन में खड़े होकर भाषण दे रहे थे, ये रही वजह

राहुल गाँधी (साभार - CNN)

शुक्रवार (23 अक्टूबर 2020) को कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने एक बार फिर भारतीय सीमा में चीन के अतिक्रमण को लेकर झूठा दावा किया। राहुल गाँधी ने अपने भाषण में यहाँ तक कह दिया कि चीन की सेना ने भारत में 1200 किलोमीटर भीतर तक अतिक्रमण कर लिया है। बिहार विधानसभा चुनाव को मद्देनज़र रखते हुए नेवादा में हुई एक जनसभा के दौरान राहुल गाँधी ने यह झूठा दावा किया। उनके मुताबिक़, मई में भारत और चीन की सेना के बीच हुए विवाद के बाद चीनी सेना ने भारत की सीमा में 1200 किलोमीटर भीतर तक घुसपैठ कर ली है। 

केंद्र की मोदी सरकार के चीन को लेकर किए जाने वाले दावों का ज़िक्र करते हुए राहुल गाँधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 1200 किलोमीटर ज़मीन चीन को दे दी। बिहार के नेवादा में हुई जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गाँधी ने कहा, “चीन की सेना ने हमारे 20 सैनिक मारे और हमारी 1200 किलोमीटर ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया। जब चीन के सैनिकों ने हमारी ज़मीन पर कदम रखा था तब प्रधानमंत्री मोदी जी ऐसा कह कर हमारे देश के नायकों का अपमान क्यों करते हैं कि हमारी ज़मीन पर कोई नहीं आया था। आप सर झुकाने की बात मत करिए।” 

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यह पहला ऐसा मौक़ा नहीं जब राहुल गाँधी ने भारतीय सीमा में चीनी सेना इ घुसपैठ को लेकर कोई झूठा दावा किया हो। इस हफ्ते की शुरुआत में राहुल गाँधी ने बिहार की एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी छवि बेहतर बनाने के लिए देश की 1200 किलोमीटर ज़मीन चीन को सौंप दी

राहुल गाँधी के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता से इस मामले में झूठ बोला है। जबकि इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत की सीमा में किसी भी तरह की घुसपैठ नहीं हुई है। अगर राहुल गाँधी की बात पर भरोसा कर लिया जाए तो इस हिसाब से लगभग आधी भारतीय सीमा पर चीन का कब्ज़ा है। 

अगर हम लद्दाख के पास स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा की दूरी नापें जो कि हाल फ़िलहाल के टकराव का केंद्र बिंदु था। वहाँ से 1200 किलोमीटर की दूरी में बहुत से राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आ जाएँगे जैसे- जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ के कई इलाके।

माननीय राहुल गाँधी के दावे के अनुसार अगर गूगल अर्थ के मानचित्र से देखा जाए तो 1200 किलोमीटर की दूरी में लगभग इतना क्षेत्र आ जाएगा। 

अगर हम 1200 किलोमीटर की दूरी लद्दाख सीमा से न देख कर भारत और चीन की सीमा से देखते हैं फिर भी बहुत सा क्षेत्र उसके अंतर्गत आ जाएगा। जिसमें पूरा उत्तर पूर्वी क्षेत्र से उड़ीसा समेत कई प्रदेश शामिल हैं। 

मोदी सरकार की आलोचना करने की तेज़ दौड़ में राहुल गाँधी ने यह दिखा दिया कि उन्हें भारत के भूगोल की कितनी समझ है। इतना ही नहीं अपने झूठे दावों की आड़ में उन्होंने आधे से अधिक भारत चीन के नाम कर दिया। बल्कि इसे उनके दावे के अनुसार ऐसे कहना चाहिए कि राहुल गाँधी ने चीन की सेना में खड़े होकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा।

तथ्यों और आँकड़ों के साथ राहुल गाँधी का ‘विचित्र’ रिश्ता

राहुल गाँधी जब भी आँकड़ों का उल्लेख करते हैं तब तब वह आवश्यकता से अधिक स्वच्छंद हो जाते हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला करने की दौड़ में अक्सर गलत आँकड़े पेश करके तथ्यों को मन मुताबिक पेश करने का प्रयास किया है। 

पिछले साल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार पर हमला करने की कोशिश में राहुल गाँधी ने उद्योगपतियों को दी गई कर्ज़ में छूट को लेकर गलत आँकड़े पेश किए थे। इतना ही नहीं उन्होंने हर भाषण में उन आँकड़ों की संख्या पूरी तरह बदल दी थी। 

सबसे पहले नवंबर 2016 में राहुल गाँधी ने कहा था कि मोदी सरकार ने दिग्गज उद्योगपतियों का 1.1 लाख करोड़ रुपए का क़र्ज़ माफ़ किया था। साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गाँधी ने इस संख्या को 20 हज़ार करोड़ बढ़ा कर लगभग 1.3 लाख करोड़ रुपए बताया। 

कर्नाटक में राहुल गाँधी फिर चंद कदम आगे बढ़े और उन्होंने कहा कि सरकार ने 2.5 लाख करोड़ रुपए का क़र्ज़ माफ़ किया है। इस पूरे दावे के संबंध में सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब चर्चा में बना हुआ था, इसमें देखा जा सकता है कि कैसे राहुल गाँधी ने न जाने कितली अलग अलग लाख करोड़ की क़र्ज़ माफ़ी का दावा कर दिया। (5.50 लाख करोड़, 3.50 लाख करोड़, 3 लाख करोड़, 2.50 लाख करोड़, 1.50 लाख करोड़, 1.40 लाख करोड़, 1.30 लाख करोड़ और 1.10 लाख करोड़)।

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ऋण माफ़ी इकलौता ऐसा मुद्दा नहीं जय जिसे लेकर माननीय राहुल गाँधी इस तरह के हवाई दावे करते रहते हैं। राहुल गाँधी ने न्याय योजना के तहत 72 हज़ार रुपए प्रति वर्ष, 72 हज़ार रुपए प्रति माह और 72 हज़ार करोड़ रुपए प्रति वर्ष का दावा भी किया है। इसके पहले पिछले वर्ष राहुल गाँधी ने राफेल जेट का दाम अलग अलग मौकों पर अपनी सुविधानुसार बदल बदल कर बताया था। इसके अलावा उन्होंने वह राशि भी बदल कर बताई जो मोदी सरकार ने अनिल अंबानी को इस समझौते के दौरान दी। हाल ही में वह 30 हज़ार करोड़ रुपए पर मान गए थे जो कि इस पूरे समझौते के कुल मूल्य से कहीं ज़्यादा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया