राजस्थान कॉन्ग्रेस में फिर मारामारी, CM गहलोत से कई MLA नाराज: खेल मंत्री ने ‘जलालत’ से माँगी मुक्ति, BJP ने कहा- डूबने वाली है जहाज

सीएम गहलोत और मंत्री चांदना (फोटो साभार: हिंदी समाचार)

राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार (Rajasthan Congress Government) में उथल-पुथल मचा हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) अपनी ही सरकार से खफा हैं और त्याग-पत्र देने की पेशकश की है। चांदना प्रमुख सचिव कुलदीप रांका (Kuldeep Ranka) से नाराज हैं और इसको लेकर उन्होंने ट्वीट भी किया।

अपनी ट्वीट में प्रदेश एवं युवा मामलों के मंत्री अशोक चांदना ने कहा, “माननीय मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है की मुझे इस ज़लालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज श्री कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए, क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री है।”

दरअसल, राजस्थान की गहलोत सरकार में नौकरशाही हावी होती जा रही है। इसको लेकर कई विधायक पहले ही अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। विधायक गणेश घोघरा, राजेंद्र बिधूड़ी, धीरज गुर्जर और यहाँ तक कि खुद मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा सरकार में नौकरशाही को लेकर सवाल उठा चुके हैं।

विधायक गणेश घोघरा ने पिछले सप्ताह सीएम गहलोत को पत्र लिखकर इस्तीफा तक दे दिया था। अपने पत्र में उन्होंने कहा था, “मैं सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक हूँ, लेकिन मुझे ऐसा लग रहा होता है कि राजस्थान सरकार द्वारा उक्त पदों पर पदासीन होने के बाद भी मेरी बातों को अनदेखा किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मेरी बात सुनने को तैयार नहीं हैं।”

खेल मंत्री अशोक चांदना के इस्तीफे की पेशकश करने के बाद भाजपा ने प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार पर कटाक्ष किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि अब प्रदेश में कॉन्ग्रेस सरकार का जहाज डूबने वाला है और 2023 के रुझान आने शुरू हो गए हैं।

वहीं, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने ट्वीट किया, “राजस्थान में स्किल डेवलपमेंट और यूथ अफेयर्स मंत्री अशोक चांदना जी ने अपने पदभार को ” जलालत” भरा बताते हुए गहलोत जी से मुक्त करने की माँग की है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे युवा द्वारा ये शब्द कहना कॉन्ग्रेस सरकार को सामंतवादी साबित करता है। युवा मामलों के मंत्री यदि जलालत का अनुभव कर रहे हैं तब राज्य के युवाओं का सोचिए?”

चांदना के ट्वीट को लेकर राज्य के एक अन्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह चांदना के ट्वीट को गंभीरता से ले। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस मसले पर बात करेंगे।

सरकार के विधायकों एवं बढ़ते असंतोष के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चांदना पर काम पर दबाव है, इसलिए उन्होंने तनाव में ऐसा बयान दे दिया होगा। इसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। सीएम गहलोत ने यह कहा कि अभी चांदना से उनकी बात नहीं हुई है।

वहीं, प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि नौकरशाही के प्रति मंत्रियों और विधायकों की नाराजगी का संज्ञान लिया जाएगा। डोटासरा ने कहा कि विधायिका और कार्यपालिका सिक्के के दो पहलू हैं। अगर किसी भी विधायक को या जनप्रतिनिधि को लगता है कि नौकरशाह सही से काम नहीं कर रहे हैं तो सरकार का काम है कि संज्ञान ले, चाहे मुख्यमंत्री हों या मंत्री। 

दरअसल, खेल विभाग और स्पोर्ट्स काउंसिल में पिछले दिनों कुछ फैसले लिए गए, जिनमें मंत्री चांदना से पूछा भी नहीं गया। खेल मंत्री को नजरअंदाज कर निर्णय लेने से चांदना नाराज हो गए। इसमें जब प्रमुख सचिव कुलदीप रांका का नाम आया तो उन्होंने मोर्चा खोलते हुए, पूरे विभाग को ही प्रमुख सचिव को सौंपने की नसीहत देते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया