‘UP के लड़कों’ की साइकिल अपनों ने ही छीनी: राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग, हिमाचल की कॉन्ग्रेस सरकार पर खतरा-सपा के सचेतक ने दिया इस्तीफा

राहुल गाँधी और अखिलेश यादव (साभार: अमर उजाला)

राज्यसभा चुनाव के लिए जारी मतदान के बीच उत्तर प्रदेश से लेकर हिमाचल प्रदेश तक क्रॉस वोटिंग की खबरें आ रही हैं। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश में क्रॉस वोटिंग के बाद अब वहाँ कॉन्ग्रेस सरकार गिरने की नौबत आ गई है। बता दें यूपी के साथ-साथ हिमाचल के एक और कर्नाटक में 4 सीटों के लिए मतदान हुआ है।

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के मतदान में समाजवादी पार्टी (सपा) को तगड़ा झटका लगा है। पार्टी के मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडेय, पवन पांडेय, आशुतोष मौर्य, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, समेत सात विधायकों ने भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में वोट डाला या फिर मतदान से दूरी बना ली। क्रॉस वोटिंग करने वाले सपा विधायकों ने बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।

बता दें कि राज्यसभा चुनाव के मतदान से एक दिन पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने डिनर दिया था। इस डिनर में सपा के चीफ व्हिप पांडेय समेत आठ विधायक नहीं पहुँचे थे। इसके अलावा इस डिनर में मुकेश वर्मा, महाराजी प्रजापति, पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी भी नहीं पहुँचे थे। तभी से भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की अटकलें लगाई जाने लगी थीं।

वहीं, भाजपा ने दावा किया था कि समाजवादी पार्टी के कम-से-कम 10 विधायक उसके पक्ष में क्रॉस वोटिंग करेंगे। हालाँकि, बाद में वह रायबरेली की ऊँचाहार विधासभा सीट से विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पांडेय ने मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा के पक्ष में वोटिंग की। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जिन लोगों ने क्रॉस वोटिंग की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, खबर है कि हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट के लिए हुए मतदान में सत्ताधारी कॉन्ग्रेस के 9 विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की है। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि कॉन्ग्रेस की ओर से जारी व्हिप से अलग जाकर इन विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया है।

मतदान से एक दिन पहले कॉन्ग्रेस की विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों से पार्टी लाइन पर रहकर मतदान करने के लिए कहा गया था। कॉन्ग्रेस ने व्हिप जारी कर ये भी कहा था कि उसके विधायक किसको वोट दे रहे हैं, ये पोलिंग एजेंट को दिखाना होगा। इसके बावजूद कॉन्ग्रेस विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया।

हिमाचल प्रदेश में बदले इस घटना क्रम में अब कहा जा रहा है कि वहाँ की सरकार भी गिर सकती है। दरअसल, हिमाचल प्रदेश विधानसभा की में कुल 68 सीटें हैं। इनमें से कॉन्ग्रेस के पास 40 और बीजेपी के 25 हैं, जबकि दो निर्दलीय है एक अन्य पार्टी का है। प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को कुल 43 विधायक क समर्थन है।

अब जबकि राज्यसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस के 9 विधायकों ने कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार को छोड़कर भाजपा के पक्ष में वोटिंग की है तो माना जा रहा है कि ये लोग पार्टी से नाराज हैं। अगर ये नौ लोग कॉन्ग्रेस का साथ छोड़ते हैं और भाजपा के पक्ष में आते हैं तो सदन में भाजपा की संख्या 34 पहुँच जाएगी। वहीं, कॉन्ग्रेस 34 पर आ जाएगी, जबकि बहुमत के लिए 35 का आँकड़ा चाहिए।

दरअसल, विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि कॉन्ग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। वहीं, सुजानपुर विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में प्रेम कुमार धूमल को हराने वाले कॉन्ग्रेस विधायक राजेंद्र राणा भी पार्टी से नाराज हैं। उन्हें मंत्री नहीं बनाए जाने पर उन्होंने सुजानपुर की जनता का अपमान बताया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया