राज्यसभा के उप निदेशक सुरक्षा (सुरक्षा) उरजुल हसन को डिमोट यानी ओहदा कम कर दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कुछ केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों के खिलाफ सोशल मीडिया में अपमानजनक पोस्ट किए थे। हसन के खिलाफ राज्यसभा सेवा नियम 1957 और केंद्रीय लोक सेवा (आचरण) नियमों के तहत कार्रवाई की गई है। यह नियम कर्मचारियों को वैसी गतिविधियों में शामिल होने से रोकता जिनसे उनकी राजनीतिक तटस्थता प्रभावित होती है।
12 फरवरी को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है, “उरजुल हसन पर प्रधानमंत्री और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है। उन्होंने सक्रिय राजनीति से जुड़े पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया था। राजनैतिक तटस्थता बनाए रखने में नाकाम रहने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।” हसन को इस मामले में शुरुआती जॉंच के बाद निलंबित कर दिया गया था। उन्हें जून 2018 में निलंबित किया गया था। ताजा आदेश के बाद उन्हें डिप्टी डायरेक्टर सिक्योरिटी से अगले 5 वर्षों के लिए सिक्योरिटी अफसर की पोस्ट पर डिमोट किया गया है। इस दौरान उन्हें वेतन में वृद्धि का लाभ नहीं मिलेगा। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि इस अधिकारी को असल में वरिष्ठता क्रम में कुल 15 वर्षों की हानि उठानी होगी।
https://twitter.com/TheWeekLive/status/1228172143772356609?ref_src=twsrc%5Etfwहसन का निलंबन 10 फरवरी को समाप्त कर दिया गया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार डिमोशन की प्रक्रिया 10 फरवरी से लागू हो गई है। सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा सचिवालय पिछले 9 से 10 महीने से हसन की गतिविधियों पर नजर रख रहा था। राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडु ने अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। आदेश में ये भी कहा गया था कि दोषी अधिकारी फिर से अपने वरिष्ठ पद तक नहीं पहुॅंच सकेंगे।