‘मैं सीएम कैंडिडेट नहीं’: पूर्व CJI रंजन गोगोई ने असम में बीजेपी का चेहरा होने के दावों को किया खारिज

रंजन गोगोई (साभार: पत्रिका)

पूर्व न्यायाधीश रंजन गोगोई को लेकर विपक्ष ने दुष्प्रचार अभियान छेड़ रखा है। इसी कड़ी में आज दावा किया गया कि वे असम के अगले विधानसभा चुनावों में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। इंडिया टुडे से बातचीत में गोगोई ने इसका खंडन किया है। इससे पहले बीजेपी भी इन दावों को नकार चुकी है।

पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “मेरा कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है और न ही मैं चुनाव लड़ने की इच्छा रखता हूँ। किसी ने भी मुझसे इस तरह की संभावनाओं का ज़िक्र नहीं किया है।” इसके अलावा उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्यसभा की सदस्यता स्वीकार करने का यह मतलब नहीं है कि वह राजनीति में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सदन अपने विचार रखने का माध्यम है, यहाँ सदस्यों को अपनी बात कहने की पूरी स्वतंत्रता है। यही कारण था कि मैंने राज्यसभा का प्रस्ताव स्वीकार किया। इसका राजनीति या चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।

दरअसल असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता तरुण गोगोई ने कहा था, “भाजपा राम मंदिर के फैसले की वजह से रंजन गोगोई से बहुत खुश है। नतीजतन मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें राज्यसभा के लिए निर्वाचित किया। वह (रंजन गोगोई) राज्यसभा के प्रस्ताव को ठुकरा भी सकते थे, लेकिन उन्होंने सक्रिय राजनीति के लालच में ऐसा नहीं किया।”

इसके अलावा उन्होंने कहा था, “मैंने सूत्रों से सुना था कि भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की सूची में रंजन गोगोई का नाम सबसे आगे है। इस बात की पूरी उम्मीद है कि असम के आगामी विधानसभा चुनावों में पूर्व मुख्य न्यायाधीश भाजपा के मुख्यमंत्री प्रत्याशी हो सकते हैं।”

इनका जवाब देते हुए गोगोई ने कहा, “मैं अपनी मर्ज़ी से राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित किया गया हूँ। यह एक ज़रिया है लोकतांत्रिक मंच पर अपना नज़रिया रखने का और इसकी वजह से मैं नेता नहीं बन जाता हूँ।” उन्होंने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को यह भी नहीं पता कि राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित होना और किसी राजनीतिक दल से चुने जाने पर सदन का सदस्य बनना अलग-अलग बात है।  

इससे पहले असम की भाजपा इकाई ने कॉन्ग्रेस नेता के दावों को मनगढ़ंत और झूठा बताया था। असम भाजपा के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने कहा, “जब लोग बूढ़े हो जाते हैं तब वह इस तरह की निरर्थक बातें करने लगते हैं। हम तरुण गोगोई के बयान को इस श्रेणी में ही रखना चाहते हैं। मैं कई मुख्यमंत्रियों से पहले मिल चुका हूँ लेकिन तरुण गोगोई जैसी बेबुनियादी बातें कोई और नहीं करता है। उनकी इस बात में बिलकुल भी सच्चाई नहीं है। न जाने किस आधार पर उन्होंने इतना बड़ा दावा कर दिया।”    

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया