जो अनंत सिंह के लिए ‘लौ# की सरकार’, उनके ही साथ हो गईं उनकी बीवी नीलम देवी: बिहार में RJD के तीन विधायक NDA सरकार के साथ

बिहार में नीतीश कुमार के साथ राजद विधायक नीलम देवी और चेतन आनंद (फाइल फोटो)

बिहार विधानसभा में आज (12 फरवरी 2024) नीतीश सरकार का बहुमत परीक्षण होना है। उससे ठीक पहले राजद खेमे के तीन विधायकों के एनडीए के साथ जाने की खबर आ रही है। इनमें से एक शिवहर के विधायक चेतन आनंद और दूसरी मोकामा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली नीलम देवी हैं। राजद ने अपने इन दोनों विधायकों को ‘बंधक’ बनाने का आरोप सत्ता पक्ष पर लगाया है। इनके अलावा राजद विधायक प्रह्लाद यादव भी विधानसभा में सत्ता पक्ष की बेंच पर बैठे नजर आए हैं।

नीलम देवी बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी हैं। जेल में बंद अनंत सिंह को उनके समर्थक ‘छोटे सरकार’ कहते हैं। वे कभी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे। लेकिन बाद में दोनों के रास्ते अलग हो गए। यहाँ तक कि एक मौके पर उन्होंने नीतीश कुमार की सरकार को ‘लौ# की सरकार’ भी कह दिया था। उनका यह बयान काफी वायरल हुआ था। बाद में वे राजद में शामिल हो गए थे।

वहीं चेतन आनंद बाहुबली आनंद मोहन सिंह के बेटे हैं। पिछले दिनों जब राजद के सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में ‘ठाकुर का कुआँ’ नाम की कविता पढ़ी थी तो आनंद मोहन ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उस समय लालू यादव ने मनोज झा का समर्थन करते हुए उन्हें ‘बुद्धिजीवी’ बताया था।

चेतन आनंद उन राजद विधायकों में भी शामिल थे जिन्हें पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के आवास पर रखा गया था। उनका क्रिकेट खेलते एक वीडियो भी सामने आया था। लेकिन 11 फरवरी 2024 को पटना पुलिस उन्हें तेजस्वी यादव के आवास से छुड़ाकर ले आई। असल में चेतन आनंद के लापता होने की शिकायत उनके छोटे भाई ने दर्ज कराई थी।

अपने इन दोनों विधायकों के सत्ता पक्ष में जाने पर राजद की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है, “राजद के दो विधायक चेतन आनंद और नीलम देवी को सत्ता पक्ष के लोगों ने सचेतक के कमरे में बिठा रखा है। उन्हें धमकी देकर जबर्दस्ती बैठाया गया है। उनके साथ क्या-क्या किया गया यह छिपा नहीं है।” उन्होंने सत्ता पक्ष पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए पूछा है कि यह किस तरह की ट्रेडिंग है?

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की जो मौजूदा स्थिति है उसमें राजद, काॅन्ग्रेस और वाम दल मिलाकर 114 विधायक होते हैं। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के इकलौते विधायक ने भी विपक्ष के समर्थन का ऐलान किया है। लेकिन बहुमत का आँकड़ा 122 है। सत्ताधारी बीजेपी, जदयू और जीतनराम मांझी की पार्टी HUM को मिलाकर 127 विधायक हैं। इन्हें निर्दलीय सुमित सिंह का भी समर्थन हासिल है, जो मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।

लेकिन अवध बिहारी चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष का पद छोड़ने से इनकार कर इस पूरे गणित को लेकर सस्पेंस बढ़ा दिया है। वे राजद के विधायक हैं। सोमवार को न केवल एनडीए का शक्ति परीक्षण होना है, बल्कि विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव आना है। मीडिया रिपोर्टों में सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों के गायब होने का भी दावा किया जा रहा है। हालाँकि ऑपइंडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया