‘सजा पर रोक नहीं लगाई तो मेरे करियर के 8 साल बर्बाद हो जाएँगे’: राहुल गाँधी की याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

राहुल गाँधी की याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो, साभार: DNAIndia)

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 21 जुलाई 2023 को सुनवाई करेगा। उन्होंने याचिका में गुजरात हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था। कॉन्ग्रेस नेता ने शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में कहा है कि यदि उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई गई तो उनके करियर के आठ साल बर्बाद हो जाएँगे।

मंगलवार (18 जुलाई, 2023) को राहुल गाँधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ के सामने इस मामले का उल्लेख किया। उन्होंने अर्जेंट सुनवाई की अपील करते हुए 21 या 24 जुलाई की तारीख देने की माँग की। इसके बाद चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई के लिए 21 जुलाई की तारीख निर्धारित कर दी।

राहुल गाँधी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के एक भाषण में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। गुजरात से भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी ने इसे पूरे समाज का अपमान बता कर सूरत की मेट्रोपोलिटन कोर्ट में राहुल गाँधी के खिलाफ मानहानि का आपराधिक केस दर्ज करवाया था। 23 मार्च 2023 को सूरत के मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेस्ट ने राहुल गाँधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के दौरान राहुल गाँधी केरल में वायनाड से सांसद थे। सजा के बाद नियमानुसार उनकी संसद सदस्यता समाप्त हो गई थी। 20 अप्रैल को मजिस्ट्रेट अदालत ने भी सजा निलंबित करने की राहुल गाँधी की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने भी सजा बरकरार रखी थी।

हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने दलील दी है कि अगर उन्हें राहत प्रदान नहीं की जाती है तो वे अपने करियर के 8 साल गँवा देंगे। 2 साल या उससे अधिक की सज़ा होने पर सज़ा की अवधि और उसके बाद 6 वर्ष तक कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया