शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल की गाड़ी पर हमला: भिड़े अकाली-कॉन्ग्रेसी, चली कई राउंड गोलियाँ

सुखबीर सिंह बादल की गाड़ी पर हमला

पंजाब के जलालाबाद में अकाली दल के नेता सुखबीर बादल की गाड़ी पर हमला हुआ है। अकाली दल के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कॉन्ग्रेसियों ने हमला किया है। इस हमले के बाद अकाली और कॉन्ग्रेसी आपस में भिड़ गए। इस दौरान जमकर ईंट-पत्थर चले और कई राउंड फायरिंग की भी खबर है।

दरअसल, जलालाबाद में नगर काउंसिल का चुनाव हो रहा है। कल कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। आज अकाली दल के प्रत्याशी का नामांकन था। नामांकन कराने के लिए खुद अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल पहुँचे। जैसे ही सुखबीर बादल का काफिला जलालाबाद कोर्ट कॉम्प्लैक्स पहुँचा, वैसे ही हंगामा शुरू हो गया।

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हर तरफ भगदड़ मच गई। लोग बैरिकेडिंग तोड़ कर कोर्ट कॉम्प्लैक्स में दाखिल होने लगे। इस दौरान जम कर पत्थरबाजी हुई। कई राउंड फायरिंग भी हुई। इतना ही नहीं, मौके पर मौजूद सुखबीर बादल की गाड़ी पर पथराव भी किया गया। हालाँकि, जब पथराव हुआ तो वह गाड़ी में मौजूद नहीं थे। उन्हें सुरक्षा घेरे में दूसरी जगह रखा गया था।

कॉन्ग्रेस और अकाली दल के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में दो अकाली वर्कर घायल बताए जा रहे हैं। अकाली दल का आरोप है कि कॉन्ग्रेस द्वारा उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने से रोकने के लिए ये बवाल किया गया है। अकाली दल के नेताओं ने कहा कि कॉन्ग्रेस के गुंडे हंगामा कर रहे हैं और नामांकन भरने से रोक रहे हैं।

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फिलहाल, मौके पर पुलिस के आला अधिकारी पहुँच गए हैं और मामले को शांत कराने की कवायद में जुटे हुए हैं। अभी भी माहौल तनावपूर्ण है। अकाली दल ने सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमले की निंदा की है। साथ ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा और हाई कोर्ट के जस्टिस की अगुवाई में जाँच की माँग की है। अकाली दल ने कहा कि कॉन्ग्रेस के माफियाओं के आगे सीएम बेबस हैं और यहाँ तक कि राज्य पुलिस को गुंडों के खिलाफ कार्रवाई न करने का निर्देश दिया गया है।

गौरतलब है कि पंजाब की सियासत किसानों के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है। पंजाब कॉन्ग्रेस इस मुद्दे पर किसानों और किसान संगठनों का सहयोग हासिल करने के मामले में शिरोमणि अकाली दल को काफी पीछे छोड़ चुकी थी। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने कृषि से जुड़े कानूनों के खिलाफ विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर खुद को किसानों का हमदर्द बताने का बड़ा कदम उठाया है।

इसके अलावा कॉन्ग्रेस पार्टी किसान के समर्थन में खुल कर खड़ी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार ने इन तथाकथित किसानों के समर्थन में वकीलों की एक पूरी फ़ौज ही उतार दी है।

पंजाब में 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव को अब लगभग 1 वर्ष ही बचे हैं, ऐसे में वहाँ की सरकार ने 70 वकीलों की एक टीम को दंगाइयों का केस लड़ने के लिए लगा दिया है। इतना ही नहीं, इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। ऐसे में अकाली दल कैसे पीछे रहने वाली थी। खबर है कि सुखबीर बादल ने भी हाल ही में राकेश टिकैत से मुलाकात की थी।

दरअसल, पंजाब में कृषि और किसान ऐसे अहम मुद्दे हैं कि कोई भी राजनीतिक दल इन्हें नजरअंदाज कर अपना वजूद कायम रखने की कल्पना भी नहीं कर सकता है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में किसानों के कर्ज माफी के वादे ने कॉन्ग्रेस की सत्ता में वापसी में कराई थी जबकि उससे पहले किसानों को मुफ्त बिजली वादे के बदौलत ही अकाली दल सत्ता पर काबिज होती रही है। किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं के बीच कॉन्ग्रेस का कर्ज माफी का वादा अकाली दल की दस साल पुरानी सरकार को सत्ता से बेदखल करने में कारगर रहा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया