महाराष्ट्र में सरकार गठन की कोशिशों के बीच शिवसेना का बयान लगातार बदल रहा है। अब शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि ढाई साल के लिए नहीं तो कम से कम 2 साल के लिए तो मुख्यमंत्री का पद उनकी पार्टी को मिलना ही चाहिए। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामदास आठवले ने ऐसा दावा किया है। आठवले ने कहा कि संजय राउत कम से कम 2 साल के लिए मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को मिलने पर भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए राजी हैं। बकौल आठवले, नए फॉर्मूले के तहत 3 साल भाजपा का सीएम रहेगा और 2 साल शिवसेना का।
हालाँकि, भाजपा साफ़-साफ़ कहती आ रही है कि मुख्यमंत्री उसकी ही पार्टी का होगा और वो भी पूरे पाँच सालों के लिए। ऐसे में लगता है कि 50-50 की बात कर रही शिवसेना अब मोलभाव करते हुए 60-40 पर राजी होती दिख रही है। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले के इस बयान के बाद भाजपा की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। आठवले के अनुसार, राउत ने कहा कि अगर भाजपा 60-40 फॉर्मूले पर राजी हो जाती है तो शिवसेना को कोई समस्या नहीं है। आठवले ने बताया कि अब वो इस फॉर्मूले पर विचार-विमर्श करने के लिए भाजपा के पास जा रहे हैं।
https://twitter.com/ANI/status/1196397553387835392?ref_src=twsrc%5Etfwदरअसल, आठवले ने ही इस फॉर्मूले को शिवसेना के समाने रखा था, जिसपर संजय राउत ने सहमति जताई। उधर शरद पवार ने अपने बयान से शिवसेना को सकते में डाल दिया है। पवार ने कहा कि सरकार का गठन कैसे होना है, इस बारे में भाजपा और शिवसेना सोचे। उन्होंने मीडिया में चल रही उस चर्चा को नकार दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि शिवसेना और एनसीपी मिल कर सरकार बना रही है। फ़िलहाल शरद पवार दिल्ली में सोनिया गाँधी के साथ बैठक कर रहे हैं।
रामदास आठवले ने इससे पहले भी कहा था कि अमित शाह महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर आश्वस्त हैं। आठवले ने बताया था कि शाह ने उन्हें महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना ही मिल कर सरकार बनाएगी, बस थोड़ा इंतजार करने और धैर्य रखने की ज़रूरत है। अब देखना यह है कि 60-40 का फॉर्मूला लेकर आठवले जब भाजपा के पास जाएँगे, तब उधर से क्या जवाब आएगा?