जब मोदी थे गुजरात के CM, तब पीछे पड़ी थी UPA की सरकार: शरद पवार ने माना, कहा- मैंने किया था बदले की राजनीति का विरोध

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम करने के तरीके को विपक्षी नेता भी नहीं नकार पाते। इसी क्रम में हाल में नेशनल कॉन्ग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते दिखाई दिए। 29 दिसंबर 2021 को शरद पवार ने पीएम मोदी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह जब कोई कार्य करते हैं, तो वह सुनिश्चित करते हैं कि काम पूरा हो। साथ ही ये भी बताया कि कैसे यूपीए सरकार में ‘सीएम मोदी’ के ख़िलाफ़ बदले की राजनीति होती थी।

मराठी अखबार ‘लोकसत्ता’ से बात करते हुए शरद पवार ने पीएम के लिए कहा, “उनका स्वभाव ऐसा है कि एक बार जब वह किसी भी कार्य को हाथ में लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित करते हैं कि जब तक वह (कार्य) अपने निष्कर्ष पर नहीं पहुँच जाता, तब तक वह नहीं रुकेगा। प्रशासन पर उनकी अच्छी पकड़ है और ये उनका मजबूत पक्ष है।”

पवार ने ये बातें उस समय कहीं जब उनसे पूछा गया था कि इतने वर्षों में उन्होंने एक नेता के रूप में प्रधानमंत्री मोदी में क्या बदलाव देखे हैं। शरद पवार ने ये भी कहा कि अगर प्रशासन द्वारा लिया गया फैसला आम जन से नहीं जुड़ा होता, उनकी आकांक्षाओं को पूरा नहीं करता तो सिर्फ मेहनती होना काफी नहीं होता। उनके मुताबिक, वह इस जगह पर कमी देखते हैं।

पवार ने इस बातचीत में कहा कि पीएम मोदी के पास लोगों को साथ लेकर चलने की अलग क्षमता है। यह शैली मनमोहन सिंह जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों में गायब थी। पवार से जब पूछा गया कि सीएम होते हुए मोदी के पीछे केंद्रीय एजेंसियाँ पड़ी थीं, क्या ये सही है। इस पर उन्होंने कहा जब मोदी सीएम थे तो वो (पवार) खुद केंद्र में थे। पीएम मीटिंग बुलाते थे और मोदी (भाजपा शासित प्रदेशों के) मुख्यमंत्रियों के समूह का नेतृत्व करते थे। ऐसे में रणनीति बनती थी कि उन्हें कैसे जवाब दिया जाए। पवार के अनुसार, उनके अलावा एक भी मंत्री ऐसा नहीं था जो मोदी से बात कर सके।

उन्होंने बताया कि यूपीए की इंटरनल मीटिंग में वो कहते थे कि अगर मोदी से कोई दिक्कत है भी तो भी ये नहीं भूला जाना चाहिए कि वो एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं। लोगों ने उन्हें बहुमत दिया है। अगर वह कुछ मुद्दे लेकर आते हैं तो जरूरी है कि उन्हें सुलझाया जाए। उनके राज्य के लोगों के हित प्रभावित नहीं होने चाहिए।

पवार ने माना कि यूपीए सरकार मोदी से बदले की राजनीति करती थी और वो इसके विरोध में थे। उन्होंने यह भी बताया कि उनके इस मत का तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह समर्थन करते थे। वो दोनों मानते थे कि सीएम मोदी के ख़िलाफ़ बदले की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बातचीत में यह भी कहा कि यूपीए सरकार में कुछ लोगों ने गुजरात में कुछ लोगों के ख़िलाफ़ कुछ ज्यादा ही कड़ा (एक्सट्रीम) रुख अपनाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया