DGP सरकार को बताए बिना छुट्टी पर, SC में मुंबई के पूर्व CP: इधर कोरोना और तूफान से महाराष्ट्र बेहाल

महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख संजय पांडे (बाएँ) और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (दाएँ)

महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) संजय पांडे से खफा है। एक तरफ जहाँ राज्य कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से बेहाल है, वहीं दूसरी तरफ तौकते तूफ़ान ने उसकी परेशानी बढ़ा दी है। इन सबके बीच DGP पांडे अपने गृह नगर चंडीगढ़ में छुटियाँ मना रहे हैं। यहाँ तक कि ये भी साफ़ नहीं है कि उन्होंने अपनी छुट्टियों के बारे में महाराष्ट्र सरकार को सूचित भी किया है या नहीं।

1986 बैच के पुलिस अधिकारी संजय पांडे पहले ही खुद को परमबीर सिंह के खिलाफ जाँच से अलग कर चुके हैं। ‘Times Now’ ने अपने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि शिवसेना उनसे खासी नाराज़ है। DGP पांडे ने इस खबर के सामने आने के बाद सफाई देते हुए कहा कि वो स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं और जल्द ही मुंबई लौटेंगे। उन्होंने कहा कि वो अपने मातहत पुलिस अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।

राज्य में ये शायद पहली बार हो रहा है जब पक्ष और विपक्ष दोनों ही पुलिस के मुखिया की अनुपस्थिति पर सवाल उठा रहे हैं। राज्य में अब भी कोरोना के साढ़े 4 लाख सक्रिय मामले हैं और पिछले 1 दिन में 1000 लोगों की मौत हो चुकी है। ऊपर से तौकते तूफ़ान की वजह से मुंबई में तबाही मची है और 6 लोगों की मौत हो गई। भयंकर हवाओं और भारी बारिश के कारण हुई क्षति का खुद सीएम उद्धव ठाकरे ने आकलन किया और आवश्यक निर्देश दिए।

उधर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अपने खिलाफ चल रही विभागीय जाँच को रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और आरोप लगाया है कि उन्हें झूठे मामलों में फँसाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मामले की जाँच कर रहा अधिकारी उन्हें धमका रहा है कि अगर उन्होंने राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज शिकायत वापस नहीं लिया तो उन्हें झूठे मामलों में फँसाया जाएगा।

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NCP नेता अनिल देशमुख पर विवादित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के जरिए राज्य के विभिन्न प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप लगे थे, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की जाँच अब CBI के हाथों में है। परमबीर सिंह ने CBI को जाँच मुंबई पुलिस के जाँच अधिकारी के साथ हुई फोन पर बातचीत के ट्रांसक्रिप्ट सौंपे हैं। उन्होंने इन्क्वायरी ऑफिसर पर धमकी देने का आरोप लगाया।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा है कि उन्हें महाराष्ट्र सरकार पर भरोसा नहीं है, इसीलिए उनके खिलाफ चल रहे सभी मामलों को राज्य से बाहर स्थानांतरित किया जाए और किसी स्वतंत्र एजेंसी को दी जाए। परमबीर सिंह फ़िलहाल महाराष्ट्र के DG (होमगार्ड) हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कर रखा है। मई 20 तक उनकी गिरफ़्तारी पर रोक लगी हुई है। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपने खिलाफ विभागीय जाँच और FIR, दोनों को चुनौती दी है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया