दिल्ली कॉन्ग्रेस की टीम में सिख विरोधी दंगों के आरोपित जगदीश टाइटलर को जगह, सोनिया गाँधी ने किया नियुक्त

सोनिया गाँधी ने जगदीश टाइटलर को दिल्ली कॉन्ग्रेस में किया नियुक्त

1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपित जगदीश टाइटलर को प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी में स्थायी सदस्य के तौर पर जगह दी गई है। कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने टाइटलर को प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी में शामिल किया है। टाइटलर के साथ ही पूर्व प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष जेपी अग्रवाल, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों कपिल सिब्बल, अजय माकन और कृष्णा तीरथ को भी जगह दी गई है।

टाइटलर का नाम 1984 के सिख विरोधी दंगो के सिलसिले में सामने आया था। जगदीश टाइटलर पर आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने 1984 में लोगों को सिख विरोधी दंगों के दौरान भड़काया था। अब बीजेपी आईटी सेल के इंचार्ज अमित मालवीय ने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा है।

अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा, “सोनिया गाँधी ने जगदीश टाइटलर को दिल्ली प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के 37 स्थायी आमंत्रित सदस्यों में से एक के रूप में नियुक्त किया है, जो कॉन्ग्रेस प्रायोजित 1984 के सिख नरसंहार के आरोपित हैं। सिखों की जान कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए मायने नहीं रखती? क्या पंजाब सुन रहा है?”

वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस कदम को लेकर कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “भारतीयों, विशेषकर सिख और पंजाबी समुदाय के सदस्यों की भावनाओं को एक बार फिर आहत करने के लिए कॉन्ग्रेस पर शर्म आती है। जगदीश टाइटलर 1984 के सिख दंगों के आरोपित हैं। कॉन्ग्रेस पीड़ितों को न्याय दिलाने में विफल रही, अपराधियों को पुरस्कृत किया।”

बता दें कि गुरुवार (28 अक्टूबर 2021) को अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने दिल्ली कॉन्ग्रेस में 37 स्थायी आमंत्रितों को नियुक्त किया। एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने नियुक्ति आदेश जारी किया। दिल्ली कांग्रेस कार्यकारी समिति में अब 87 सदस्य हैं। सिख विरोधी दंगों में आरोपों का सामना करने वाले जगदीश टाइटलर दूसरे बड़े कॉन्ग्रेस नेता थे। उनके अलावा सज्जन कुमार पर भी यह दाग लगा था। सज्जन कुमार को अदालत ने दंगों में शामिल होने के जुर्म में उम्र कैद की सजा सुनाई है और फिलहाल वह जेल में हैं। 

जगदीश टाइटलर की बात करें तो सीबीआई ने उनके मामले में 2007, 2009 और 2014 में क्लोजर रिपोर्ट फाइल की थी। लेकिन दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। सिख विरोधी दंगों में अपने पति को खोने वालीं लखविंदर कौर की अर्जी पर अदालत ने यह फैसला सुनाया था। अदालत ने सीबीआई को मामले की जाँच जारी रखने का आदेश दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया