सोनिया गाँधी के खिलाफ FIR दर्ज, PM केयर्स फंड को लेकर गलत जानकारी देने का है आरोप

कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी (फाइल फोटो)

पीएम-केयर फंड को लेकर कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा फैलाई जा रही लगातार गलत जानकारियों के बाद कर्नाटक के शिमोगा में कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दर्ज FIR में सोनिया गाँधी पर भ्रामक और गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है।

जानकारी के मुताबिक कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 505 के तहत ये एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में अपील की गई है कि सोनिया गाँधी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। दरअसल जिस सोशल मीडिया एकाउंट से पीएम केयर्स फंड को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे थे, उसमें कॉन्ग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी की पहचान हैंडलर के रूप में की गई है।

https://twitter.com/ANI/status/1263360935659401217?ref_src=twsrc%5Etfw

कथित तौर पर कॉन्ग्रेस पार्टी ने 11 मई को एक ट्वीट किया था, जिसमें पीएम केयर्स फंड के बारे में गलत जानकारी दी गई थी। दरअसल यह एफआईआर कर्नाटक में शिमोगा जिले के वकील प्रवीण द्वारा कराई गई है।

आपको बता दें कि इससे पहले सोनिया गाँधी ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए बनाए गए PM CARES यानी ‘प्राइम मिनिस्टर सिटीजन्स असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन’ कोष में जमा राशि को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में ट्रांसफर करने की माँग की थी, हालाँकि यह साफ नहीं हो सका है कि किस ट्वीट के खिलाफ सोनिया गाँधी पर यह FIR दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि कोरोनो वायरस जैसी महामारी के खिलाफ लड़ने को लेकर सार्वजनिक रूप से दान प्राप्त करने के लिए इस वर्ष 27 मार्च को पीएम केयर्स फंड ट्रस्ट का गठन किया गया था। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इसके सदस्य के रूप में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं।

PM केयर्स फंड से ही भारत सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में 3100 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की थी। 3100 करोड़ रुपये में से, लगभग 2000 करोड़ रुपये की राशि वेंटिलेटर्स की खरीद के लिए, 1000 करोड़ रुपये का उपयोग प्रवासी मजदूरों की देखभाल के लिए 100 करोड़ रुपये वैक्सीन विकसित करने के लिए दिया जाएगा।

केंद्रीय सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक पीएम केयर्स फंड से लगभग 2000 करोड़ रुपए खर्च करके मेड-इन-इंडिया निर्मित 50000 वेंटिलेटर खरीदे जाएँगे। यह वेंटिलेटर सरकार द्वारा चलाए सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में चलाए जा रहे कोरोना अस्पतालों में दिए जाएँगे, जिससे गंभीर कोरोनो मरीजों का बेहतर इलाज किया जा सके। यह कदम देश भर में कोरोना वायरस के मामलों से निपटने के लिए सहायक साबित होगा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया