उधर कैप्टन बेघर, इधर एंज्वॉय कर रहे राहुल-प्रियंका: कहानी उस घर की जिसकी नींव सरकारी ‘दया’ पर टिकी

शिमला में छुट्टी मनाने के लिए जुटे वाड्रा-गाँधी (फाइल फोटो)

पंजाब को सोमवार (20 सितंबर 2021) को चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में नया मुख्यमंत्री मिल गया। कॉन्ग्रेस के शीर्ष परिवार ने चन्नी की ताजपोशी उस कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर की है, जिनकी गिनती कभी गाँधी परिवार के वफादारों में होती थी। कैप्टन की छुट्टी करने के बाद वाड्रा-गाँधी परिवार के छुट्टी मनाने के लिए शिमला में जुटने की खबर है।

टाइम्स आफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार चन्नी के शपथ ग्रहण से फ्री होते ही राहुल गाँधी शिमला के बाहरी इलाके में बने अपनी बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा की उस कोठी पर पहुँचे जो शुरुआत से ही विवादों में रहा है। प्रियंका और उनकी माँ कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गाँधी पहले ही यहाँ पहुँच चुकीं थी।

प्रियंका का यह घर शिमला से करीब 15 किलोमीटर दूर छराबड़ा में है। 2020 में जब मुंबई में अभिनेत्री कंगना रनौत की प्रॉपर्टी पर कार्रवाई की गई थी तो नेटिजन्स ने प्रियंका के इस अवैध बंगले को तोड़ने की भी माँग की थी। इस घर को लेकर प्रियंका को हाई कोर्ट तक से नोटिस मिल चुका है।

असल में यह घर वीवीआईपी इलाके में बनाया गया है जो राष्ट्रपति के ग्रीष्मकालीन आवास ‘द रिट्रीट’ से सटा है। हिमाचल प्रदेश किराएदारी और भूमि सुधार अधिनियम की धारा 118 का हवाला देकर इस संपत्ति पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। इस धारा के अंतर्गत प्रावधान है कोई भी बाहरी प्रदेश में जमीन नहीं ले सकता है। यदि कोई इच्छुक भी हो, तो उसे भूअधिनियम की धारा 118 के तहत अनुमति लेनी होती है। इसकी परमिशन राज्य सरकार कैबिनेट में देती है। हालाँकि, कहा जाता है कि प्रियंका ने इस प्रक्रिया का पालन किया है। फिर भी कार्यकर्ताओं और याचिकाकर्ताओं की माँग ये है कि इस जमीन से जुड़े दस्तावेज ऑन रिकॉर्ड लेकर आए जाएँ।

बताया जाता है कि हिमाचल कॉन्ग्रेस के नेता केहर सिंह खाची के नाम पर इस जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी है। रिपोर्ट के अनुसार इस घर के लिए जमीन की खरीद 2007, 2011 और 2013 में की गई थी। कॉन्ग्रेस की वीरभद्र सिंह सरकार ने 2007 में सबसे पहले नियमों में ढील देते हुए प्रियंका को जमीन खरीदने की इजाजत दी थी। बाद में अन्य सरकारों से भी इस तरह की विशेष अनुमति मिलने की बात कही जाती है। इसके लिए राष्ट्रपति सचिवालय से भी प्रियंका को आसानी से एनओसी प्राप्त हुआ था, जबकि उससे पहले इस जमीन के मालिकों ने इसे बेचने की कोशिश की थी तो उन्हें एनओसी नहीं मिल सका था।

इस जमीन पर घर का निर्माण 2008 में शुरू हुआ। करीब 10 साल में यह तैयार हुआ था और 2019 में प्रियंका ने गृह प्रवेश किया था। उससे पहले एक बार निर्माण इसलिए तोड़ दिया गया था, क्योंकि प्रियंका को डिजाइन पसंद नहीं आया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया