बजरंग दल पर प्रतिबंध से पीछे हटी काॅन्ग्रेस, बोले वीरप्पा मोइली- राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती: कर्नाटक में अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश

बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात पर कॉन्ग्रेस नेता का बयान (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)

कर्नाटक में ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ का कार्ड भारी पड़ते देख काॅन्ग्रेस डैमेज कंट्रोल की कोशिशों में लग गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली (Veerappa Moily) का कहना है कि बजरंग दल (Bajrang Dal) पर प्रतिबंध लगाने का काॅन्ग्रेस का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा है कि न तो पार्टी के पास ऐसा कोई प्रस्ताव है और न ही राज्य सरकार प्रतिबंध लगा सकती है।

कर्नाटक विधानसभा के लिए जारी घोषणा-पत्र में काॅन्ग्रेस ने बजरंग दल की पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से तुलना करते हुए सत्ता में आने पर प्रतिबंध का वादा किया है। लेकिन मोइली ने बुधवार (3 मई 2023) को उडुपी में मीडिया से बात करते हुए इससे इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा, “काॅन्ग्रेस के घोषणा-पत्र (Congress Manifesto) में पीएफआई और बजरंग दल का उल्लेख है। इसमें सभी कट्टरपंथी संगठन शामिल हैं। लेकिन किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाना राज्य सरकार के लिए संभव नहीं है, क्योंकि यह केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है। इसलिए कर्नाटक सरकार के लिए बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है। डीके शिवकुमार इस बारे मे और विस्तार से बताएँगे।”

वीरप्पा मोइली कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि घोषणा पत्र में बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध का वादा हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणियों को ध्यान में रखकर किया गया है। उल्लेखनीय है कि 28 अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच पर स्वतः संज्ञान लेकर सभी राज्यों को एफआईआर करने के निर्देश दिए थे। कहा था कि ऐसा नहीं होने पर इसे अदालत की अवमानना मानी जाएगी।

https://twitter.com/ANI/status/1651899492403400704?ref_src=twsrc%5Etfw at as and when any hate speech is made, they shall take suo moto action for registration of FIR even without any complaints.

Supreme Court makes it clear that such action shall be taken irrespective of the… pic.twitter.com/yFOlG6QQnq— ANI (@ANI) April 28, 2023

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कॉन्ग्रेस ने मंगलवार 2 मई 2023 को अपना घोषणा-पत्र जारी किया था। इसमें बजरंग दल पर प्रतिबंध का वादा करते हुए उसकी तुलना पीएफआई से की गई थी। इसके बाद से न केवल कर्नाटक, बल्कि देशभर में काॅन्ग्रेस का विरोध हो रहा है। इतना ही नहीं काॅन्ग्रेस ने घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों के लिए बजट में 10 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था करने की बात कही है।

दिलचस्प यह है कि करीब एक साल पहले प्रतिबंधित इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पीएफआई ने भी राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए 10 हजार करोड़ रुपए के फंड की ही डिमांड की थी। गौरतलब है कि 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Assembly election 2023) के लिए 10 मई 2023 को वोट पड़ने हैं। नतीजे 13 मई को आएँगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया