‘भगवान कृष्ण के जवानी में थे अवैध संबंध’ : TV शो में फिर उगली गई हिंदू देवताओं के लिए घृणा, हिंदूफोबिक रैली का खुलकर बचाव

मदुरई में हुई हिंदूफोबिक रैली का टीवी शो में बचाव

आए दिन लगभग हर रोज सोशल मीडिया, टीवी और विभिन्न मंच पर हिंदू धर्म के देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया जाता है। ऐसा ही एक मामला फिर देखने को मिला है। जहाँ तमिलनाडु के विदुथलाई चिरुथैगल काची (VCK) पार्टी के प्रवक्ता विक्रमन ने भगवान कृष्ण को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने बीते दिनों उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा मदुरई में की गई रैली में हिंदू विरोधी नारों का बचाव करते हुए अपनी टिप्पणी की। इस रैली में पूछा गया था कि आखिर कृष्णा और अय्प्पा भगवान कैसे हो सकते हैं।

टाइम्स नॉउ पर डिबेट के दौरान उन्होंने भगवान कृष्ण पर गोपियों ने अनैतिक संबंध रखने का आरोप लगाया। विक्रमन ने कहा, “कृष्णा का युवा करियर वृंदावन की महिलाओं के साथ अवैध (अनैतिक) प्रेमसंबंधों से भरा हुआ था। इसे रासलीला कहा गया।” इस दौरान उन्होंने ‘पुराण’ का हवाला दिया।

हिंदू कार्यकर्ता राहुल ईश्वर ने इस पर दुख और आपत्ति जताते हुए कहा कि वो इस तरह से किसी के भगवान का अपमान नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि पुराण एक प्रतीकात्मक वर्णन है। उसे वैसे ही नहीं लिया जा सकता, जैसे कि इसमें कहा गया कि रावण के दस सिर थे। इसका मतलब यह नहीं हुआ कि उसके वाकई में दस सिर थे। इसका अर्थ यह होता है कि उसके पास दस सिर के बरारबर बुद्धिमत्ता थी। इससे यह दिखाने का प्रयास किया गया था कि वह काफी विद्वान था। 

इसी तरह जब कोई कहता है कि अयप्पा, शिव और विष्णु के पुत्र हैं तो इसका अर्थ यह नहीं होता कि शिव ने विष्णु से शादी की थी। यह उन दोनों की चमत्कारिक आध्यात्मिक शक्ति से उत्पन्न हुए थे। इसी तरह कृष्ण का गोपियों के साथ आध्यात्मिक संबंध था न कि अनैतिक। हिंदू देवी-देवताओं के बारे में इस तरह की टिप्पणी करना हिंदूफोबिया के अलावा और कुछ भी नहीं है। इस तरह के लोग हिंदू सभ्यता और मान्यता को नीचा दिखाना चाहते हैं। इसलिए इस तरह की अभद्र, अश्लील और आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों गुजरात के वडोदरा स्थित महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी में फाइन आर्ट फैकेल्टी एक प्रदर्शनी में कुछ छात्रों द्वारा लगाई गई हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें आपत्तिजनक थीं। प्रदर्शनी में हिंदू देवी-देवताओं और भारत के कुछ राष्ट्रीय चिन्हों के चित्रों को रेप केसों से जोड़ा गया था। इतना ही नहीं, हिंदू देवी और देवताओं के चित्र बनाने के लिए उन अखबारों का प्रयोग किया गया था, जिन पर रेप की खबरें छपी हुई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया