शरिया को जिन्दगी से बढ़कर बताने वाली तहरीक मुस्लिम शब्बन का कॉन्ग्रेस को समर्थन, टाइगर राजा सिंह को हराने का मंसूबा

तहरीक मुस्लिम शब्बन की प्रेस कॉन्फ्रेंस (चित्र साभार: TMS)

तेलंगाना चुनावों में तहरीक मुस्लिम शब्बन ने 14 नवम्बर 2023 को कॉन्ग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया। तहरीक के मुखिया मोहम्मद मुश्ताक मालिक ने हैदराबाद में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में समर्थन का ऐलान करते हुए 13 बिंदु का एक चार्टर भी पेश किया। इसमें उन्होंने तेलंगाना वक्फ आयोग की स्थापना, उसे न्यायिक शक्तियाँ देना और मुस्लिमों का आरक्षण देने की माँग की है।

कुछ रिपोर्ट्स में सामने आया है कि समर्थन के लिए कॉन्ग्रेस के तेलंगाना प्रभारी मानिकराव ठाकरे और सचिव मंसूर अली खान तहरीक के नेताओं से मिले थे। तहरीक मुस्लिम शब्बन का कहना है कि वह भाजपा के गोशामहल से प्रत्याशी टाइगर राजा सिंह को हराना चाहता है। तहरीक का कहना है कि वह ऐसा नफरत को कम करने के लिए करना चाहता है।

टाइगर राजा सिंह तेलंगाना में भाजपा के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक हैं। वे इस्लामी हिंसा के खिलाफ लगातार आवाज भी उठाते रहे हैं। हालाँकि, तहरीक ने यह भी कहा कि वह राज्य की छह सीटों पर कॉन्ग्रेस को समर्थन नहीं देंगे। तहरीक ने चार्टर में विदेश जाने वाले मुस्लिमों को छात्रवृत्ति, समुदाय के विकास के लिए ₹500 करोड़, वक्फ आयोग की स्थापना और इसे न्यायिक शक्तियाँ देने की माँग की गई हैं।

इस चार्टर में तहरीक ने मुस्लिम महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने, मुस्लिमों को 8% आरक्षण देने, उर्दू को आगे बढ़ाने के अलावा पुलिस, न्यायपालिका और राजस्व विभाग में नौकरियाँ देने और इमामों एवं मुआज्ज़िमों को मासिक भत्ता देने जैसी कई माँगे की हैं। उसने मस्जिदों और कब्रगाहों की सुरक्षा देने का भी जिक्र किया है।

तहरीक मुस्लिम शब्बन का इतिहास

तहरीक मुस्लिम शब्बन काफी विवादित संगठन रहा है। हाल ही में चालू हुए इजरायल हमास युद्ध के बाद यह संगठन कई विरोध प्रदर्शन आयोजित कर चुका है। अक्टूबर 2023 में इसके मुखिया मुश्ताक मलिक को नजरबन्द कर दिया गया था। वह हमास के समर्थन में एक रैली निकालने वाले थे।

तहरीक मुस्लिम शब्बन ने हमास के हमलों को भी सही ठहराया था। जुलाई 2023 में तहरीक मुस्लिम शब्बन ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसका उद्देश्य यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करना था। इसके मुखिया ने इस दौरान ‘जान से बढ़कर शरियत’ का नारा दिया था।

वर्ष 2022 में भी मलिक के ऊपर FIR दर्ज की गई थी। मलिक ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए मुस्लिमों को एक धरने में जाने को कहा था। उन पर समाज में घृणा को बढ़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मलिक ने यह धरना प्रदर्शन पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विरुद्ध आयोजित किया था।

नुपुर शर्मा के खिलाफ तहरीक ने कैम्पेन चलाया था। उसने नुपुर की गिरफ्तारी की माँग की थी और ‘गुस्ताखी ना काबिल-ए-बर्दाश्त है’ जैसे नारे लगाए थे। जनवरी 2020 में भी तहरीक ने NRC और CAA के विरुद्ध कई प्रदर्शन भी आयोजित किए थे। मलिक ने CAA और NRC के विरुद्ध मुस्लिमों को भड़काया था। उन्होंने अपील की थी कि कोई भी मुस्लिम अपना कागज ना दिखाए।

गौरतलब है कि मलिक तेलंगाना के बड़े नेता और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भाजपा का एजेंट बताते हैं। शायद ऐसा इसलिए है, क्योंकि वह कॉन्ग्रेस के ज्यादा निकट हैं जबकि ओवैसी की कॉन्ग्रेस ने नहीं बनती है। असदुद्दीन औवैसी तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से सांसद भी हैं।

(यह रिपोर्ट मूल रूप से अंग्रेजी में अनुराग ने लिखी है। इसे विस्तार से पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।)

Anurag: B.Sc. Multimedia, a journalist by profession.