सागरिका घोष क्या आप इसी लिए संसद में आई हैं? राज्यसभा के वेल में हंगामे पर सभापति ने फटकारा, कहा- विपक्ष के नेता भी वेल में आ गए, यह भारतीय इतिहास का कलंकित दिन

जगदीप धनखड़ एवं सागरिका घोष (साभार: हिंदुस्तान/वेब दुनिया)

संसद सत्र के पाँचवें दिन राज्यसभा में शुक्रवार (28 जून 2024) को विपक्ष ने NEET पेपर लीक मुद्दे पर खूब हंगामा किया। इस दौरान कई सांसद वेल में पहुँच गए। इससे राज्यसभा के चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने भड़क गए और इसमें टीएमसी सांसद सागरिका घोष, डेरेक ओ ब्रायन सहित को फटकार लगाते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

सांसदों के व्यवहार को देखते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए। उन्होंने कहा, “जो लोग वेल में खड़े हैं, हम उनका नाम ले रहे हैं।” इसके बाद उन्होंने खड़े होकर उन सांसदों का नाम लेना शुरू किया जो हंगामा कर रहे थे। सबसे पहले टीएमसी सांसद सागरिका घोष का नाम लेते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “आप यहाँ सदन में हंगामे के मकसद से आई हैं?”

सभापति जगदीप धनखड़ यहीं नहीं रूके। कुछ देर के बाद तृणमूल कॉनग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन का नाम लेकर उन्होंने कहा, “मिस्टर डेरेक ओ ब्रायन, आप इस हंगामे के डायरेक्टर बन रहे हैं।” वहीं टीएमसी सांसद साकेत गोखले को लेकर कहा, “आप वर्चुअली अपने लिए ही परेशानी बन रहे हैं।” इस दौरान विपक्षी सांसद सदन में नारेबाजी करते रहे।

उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “आज भारतीय संसद के इतिहास में ऐसा कलंकित दिन है कि विपक्ष के नेता खुद वेल में आ गए हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मैं दुखी हूँ, स्तब्ध हूँ। भारतीय संसदीय परंपरा इस हद तक बिगड़ जाएगी कि विपक्ष के नेता वेल में आ जाएँगे, उपनेता वेल में आ जाएँगे।”

इसके कुछ देर बाद ही उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के लिए 21 घंटे का समय निर्धारित किया है। सांसद इस समय को चर्चा के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

राज्यसभा में शुक्रवार को नीट से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए विपक्षी सांसदों ने नोटिस दिए। सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें इस विषय पर चर्चा के लिए कुल 22 नोटिस मिले हैं। इनमें नीट में अनियमितता, चीटिंग और पेपर लीक के विषय पर बहस के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया गया था। हालाँकि, सभापति ने इन सभी नोटिस को अस्वीकार कर दिया। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया