‘साल भर से अधिक समय से रहने वाले लोग दे सकेंगे वोट’: जम्मू प्रशासन का निर्देश, घबराए महबूबा-फारूक बोले- डेमोग्राफी में बदलाव किया जा रहा

फारूक अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती (फोटो साभार: आउटलुक)

विशेष दर्जा वाला अनुच्छेद 370 हटने के बाद सामान्य हालात को देखते हुए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। इसको लेकर जम्मू प्रशासन ने राज्य में एक साल से अधिक समय से रहने वाले लोगों को आवास प्रमाण पत्र जल्दी जारी करने का निर्देश दिया है, ताकि वे वोटर लिस्ट में अपने नाम को जोड़वा सकें। इसको लेकर वहाँ की पार्टियों ने इसका विरोध किया है और कहा कि सरकार राज्य का जनसांख्यिकीय बदलाव कर रही है।

विरोध करने वालों में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) प्रमुख हैं। इसके अलावा, भाजपा विरोधी गुप्कार (Gupkar) में शामिल पार्टियों ने इसका विरोध करते हुए इसे साजिश बताया है।

दरअसल, जम्मू के जिला मजिस्ट्रेट अवनी लवासा ने मंगलवार (11 अक्टूबर 2022) को एक नोटिफिकेशन जारी कर सभी तहसीलदारों को एक वर्ष से अधिक समय से जम्मू में रहने वाले लोगों को निवास का प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। यह बात सामने आई थी कि आवास प्रमाण सहित दस्तावेजों के अभाव में कुछ लोगों को वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल कराने में दिक्कत आ रही है।

यदि किसी भारतीय नागरिक के पास घर नहीं है और वह बेघर है तो ऐसे में तहसीलदार एक अधिकारी को नामित करेगा, जो उसकी फिल्म वेरीफिकेशन करने के निवास प्रमाण जारी करने के लिए अनुशंसा करेगा। इसके आधार पर प्रशासन द्वारा निवास प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, ताकि वह मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सके।

बता दें कि 15 सितंबर से जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया शुरू हुई है। वहीं, विधानसभा सीटों का परिसीमन करने के बाद वहाँ विधानसभा सीटों को 83 से बढ़ाकर 90 कर दिया गया है। इस जम्मू में 6 सीटों और कश्मीर में एक सीट की बढ़ोतरी की गई है। जम्मू प्रशासन की तर्ज पर अन्य जिलों में भी इस तरह के आदेश जल्दी जारी किए जा सकते हैं।

महबूबा-फारूक का विरोध

प्रशासन के इस निर्णय का जम्मू-कश्मीर की पार्टियों ने विरोध किया है। गुप्कार के नाम से भाजपा विरोधी मंच बनाए जम्मू-कश्मीर की पार्टियों ने आरोप लगाया है कि भाजपा अपने वोटरों को जोड़ रही है। इन पार्टियों ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जम्मू-कश्मीर की डेमोग्राफिक बदलाव कर रही है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कार डिक्लेरेशन (PAGD) ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार बाहरी लोगों के जरिए चुनाव में धांधली करना चाहती है। पिछले हफ्ते जम्मू में अपनी बैठक में, पीएजीडी ने संशोधित मतदाता सूची में गैर-स्थानीय लोगों के “हेरफेर और समावेश” के खिलाफ लड़ने के लिए 14 सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की थी।

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ट्वीट किया, “सरकार जम्मू-कश्मीर में 25 लाख गैर-स्थानीय मतदाताओं को जोड़ने की अपनी योजना के साथ आगे बढ़ रही है और हम इस कदम का विरोध करना जारी रखेंगे। बीजेपी चुनाव से डरी हुई है और जानती है कि वह बुरी तरह हारेगी। जम्मू-कश्मीर के लोगों को इन साजिशों को बैलेट बॉक्स में हराना चाहिए।”

उधर, PDP की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, “नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग के नवीनतम आदेश से यह स्पष्ट होता है कि जम्मू में भारत सरकार की औपनिवेशिक बसावट वाली परियोजना शुरू की गई है। वे डोगरा संस्कृति, पहचान, रोजगार और व्यवसाय को पहला बर्बाद कर देंगे।”

महबूबा ने आगे कहा, “जम्मू और कश्मीर के बीच धार्मिक और क्षेत्रीय विभाजन पैदा करने के भाजपा के प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए, क्योंकि चाहे वह कश्मीरी हो या डोगरा, हमारी पहचान और अधिकारों की रक्षा तभी संभव होगी जब हम सामूहिक लड़ाई लड़ेंगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया