हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार (7 मई, 2024) को राज्य की नायब सिंह सैनी वाली भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की है। इन विधायकों ने आगे कॉन्ग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है। इन विधायकों ने कॉन्ग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
हरियाणा की भाजपा सरकार से चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान, पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन एवं नीलोखेड़ी से विधायक धर्मपाल गोंदर ने समर्थन वापस लिया है। इन तीनों विधायकों के समर्थन वापस लेने पर कॉन्ग्रेस ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, “पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अध्यक्ष श्री उदयभान की मौजूदगी में तीन निर्दलीय विधायकों ने दिया कांग्रेस को समर्थन। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले ही हरियाणा में रुझान आने शुरू हो गए हैं। जन विरोधी मोदी और खट्टर सरकार को जल्द हरियाणा की जनता सबक सिखाने वाली है।”
इसके बाद कई जगह यह खबर उड़ाई गई कि हरियाणा की भाजपा सरकार अल्पमत में है। भाजपा ने इस मामले पर वस्तुस्थिति बताई है। हरियाणा भाजपा के प्रवक्ता जवाहर यादव ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर कोई भी खतरा नहीं है। तीन निर्दलीय विधायकों ने कहा है कि उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लिया है, उनके जाने के बाद भी भाजपा की नायब सिंह सैनी सरकार के पास बहुमत है। बहुमत परीक्षण का एक ही स्थान विधानसभा होता है, यह कॉन्ग्रेस और भूपिंदर सिंह हुड्डा द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है।”
भाजपा प्रवक्ता ने बताया, “मार्च में ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्वास मत हासिल किया था। 6 महीने के भीतर ऐसा मामला दुबारा आना मुश्किल बात होती है, लेकिन जब भी विधानसभा के भीतर ऐसी बात आएगी तो हम प्रचंड बहुमत सिद्ध कर देंगे, यह लोकसभा चुनावों के लिए राजनीतिक बयानबाजी हो रही है।”
हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं और बहुमत के लिए यहाँ 46 सीटों की आवश्यकता होती है। वर्तमान में भाजपा सरकार के पास अपने 40 विधायक हैं जबकि उसे 1 निर्दलीय और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक और विधायक का समर्थन हासिल है। मार्च 2024 तक हरियाणा सरकार को जननायक जनता पार्टी का भी समर्थन हासिल था, JJP के पास राज्य में 10 सीटें हैं। दूसरी तरफ कॉन्ग्रेस के पास राज्य 30 सीटें हैं और उसे 4 निर्दलीयों का समर्थन हासिल हो गया है।
हरियाणा विधानसभा में दो सीटें खाली भी हैं जो कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और रणजीत चौटाला के इस्तीफे के बाद खाली हुई हैं। ऐसे में स्पष्ट गणित में तो भाजपा के पास बहुमत नहीं है लेकिन अभी उसकी सरकार को राज्य में खतरा नहीं है। दरअसल, हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार ने मार्च, 2024 में ही बहुमत हासिल किया था। नियमानुसार, एक बार किसी सरकार के बहुमत सिद्ध करने के बाद अगले 6 महीने तक उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता।
जहाँ सितम्बर माह तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता वहीं अक्टूबर तक राज्य में चुनाव भी होने हैं। इसी दौरान राज्य की विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में विपक्ष की सरकार गिराने की मंशा पूरी होना असम्भव सा लग रहा है। भाजपा ने भी इसको लेकर स्पष्ट किया है कि उनके पास संख्याबल मौजूद है और सरकार को कोई खतरा नहीं है।