‘संदेशखाली की महिलाएँ असली में पीड़ित हैं, हम कैसे मान लें’: TMC से टिकट पाने वाली हिरोइन ने गैंगरेप पीड़ितों पर ही उठाए सवाल

रचना बनर्जी और ममता बनर्जी (फोटो साभार : रिपब्लिक बांग्ला)

पश्चिम बंगाल की हुगली लोकसभा सीट से टीएमसी की उम्मीदवार बनाई गई रचना बनर्जी ने संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं पर ही सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमें कैसे पता चलेगा कि जो महिलाएँ खुद को पीड़ित बता रही हैं, वो वास्तव में पीड़ित ही हैं। रचना बनर्जी ने कहा सोमवार (11 मार्च 2024) को संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो लोग कैमरों पर इस घटना के बारे में बोल रहे हैं, वो वास्तव में पीड़ित हैं ही नहीं।

रचना बनर्जी ने आगे कहा, “जो नेता लोग संदेशखाली को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, उन्हें वहाँ की महिलाओं से बात करनी चाहिए। उनकी बात पहले सुनो, फिर बोलो।” इस दौरान जब पत्रकारों ने कहा कि संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने ही ये आरोप लगाए हैं, तो उन्होंने कहा, “हर कोई ऐसा (यौन उत्पीड़न) नहीं कह रहा है। हमें कैसे पता चलेगा कि जो लोग पीड़ित होने का दावा कर रहे हैं, वही असली पीड़ित हैं।”

संदेशखाली में हिंसा, जमीन पर कब्जों और महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में टीएमसी नेताओं की संलिप्तता को भी रचना ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “पहले गवाहों के बयानों को वेरिफाई करना होगा और पता चलाना होगा कि क्या ऐसी घटनाएँ (टीएमसी नेताओं द्वारा महिलाओं का यौन उत्पीड़न) वास्तव में हुई भी हैं?” खुद ही अपने मुताबिक उन्होंने फैसला भी सुना दिया, “अगर ऐसी घटनाएँ हुई ही हैं, तो उन्हें ठीक करने के लिए हमारे पास दीदी (ममता बनर्जी) हैं।” वैसे, रचना उन्हीं ममता का संदर्भ दे रही हैं, जिन्होंने उन्हें हुगली लोकसभा सीट से टिकट दिया है और जो खुद इन घटनाओं को छोटी-मोटी घटनाएँ कहकर खारिज कर चुकी हैं।

रचना बनर्जी के बयान पर उनके खिलाफ हुगली में लोकसभा चुनाव लड़ रही बीजेपी की मौजूदा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “हुगली से टीएमसी कैंडिडेट ही संदेशखाली में महिला उत्पीड़न के दावों को खारिज कर रही रही हैं, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर संदेह पैदा होता है। माताओं, पत्नियों और बेटियों से दुर्व्यवहार की कई गवाही के बावजूद, तृणमूल नेता अज्ञानता का बहाना करते हुए आंखें मूँद रही हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “चौंकाने वाली बात ये कि पीड़ितों ने खुद बताया है कि कैसे तृणमूल नेता रात की आड़ में बेखौफ होकर यौन उत्पीड़न जैसे जघन्य कृत्य करते हैं। फिर भी, पार्टी बेशर्मी से किसी भी गलत काम से इनकार करती है। अगर कुछ नहीं हुआ तो शेख शाहजहाँ को निलंबित क्यों किया गया।” उन्होंने टीएमसी को पाखंडी करार दिया और रचना बनर्जी को भी।

अपने ट्वीट में उन्होंने आगे कहा, “बंगाल की मुख्यमंत्री उत्पीड़न को तो स्वीकार करती हैं, लेकिन अपनी पार्टी की भूमिका पर चुप्पी साध लेती हैं। इसकी वजह से पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। टीएमसी के शासनकाल में बंगाल की महिलाओं को लगातार उत्पीड़न सहना पड़ता है, जबकि तृणमूल नेता बेशर्मी से मुआवजे के रूप में मात्र 500 रुपये की पेशकश करते हैं। पूरे बंगाल के साथ-साथ हुगली की महिलाएँ भी महिला विरोधी तृणमूल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लेती हैं, जिससे उनकी सत्ता से शीघ्र विदाई सुनिश्चित हो सके।”

बता दें कि रचना बनर्जी मशहूर बंगाली टीवी शो ‘दीदी नंबर 1’ की होस्ट हैं। उन्हें टीएमसी ने हुगली लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। खुद ममता बनर्जी 3 मार्च को उनके शो में बतौर मेहमान नजर आई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया