दलित की हत्या, कहीं धारदार हथियार से हमला, किसी की दुकान फूँकी… लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल में फिर TMC गुंडों के टारगेट पर BJP वर्कर

टीएमसी गुंडों ने बीजेपी कार्यकर्ता पर किया हमला (फोटो साभार X_Dr SukantaBJP)

पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ दिनों में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमलों की संख्या बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा होते ही राजनीतिक हिंसा की नई लहर चल पड़ी है, जिसमें टीएमसी के कार्यकर्ता बीजेपी कार्यकर्ताओं, नेताओं पर जानलेवा हमले कर रहे हैं। बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने की प्रवृत्ति साल 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान हुई भीषण राजनीतिक हिंसा के दौर को याद दिला रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने वाली खबरें चौंकाने वाली हैं।

दिनाजपुर में बीजेपी कार्यकर्ता पर धारदार हथियारों से हमला

बीते शनिवार (16 मार्च 2024) को दिनाजपुर में जॉयदेब दास के बीजेपी कार्यकर्ता पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने हमला किया। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने न सिर्फ दास की बेरहमी से पिटाई की, बल्कि धारदार हथियारों से बुरी तरह घायल कर दिया गया। ये वारदात दक्षिण दिनाजपुर जिले के गंगारामपुर उपखंड के कुशमंडी की है।

ईटीवी भारत की रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला स्थानीय टीएमसी नेता तरुण पाल और उनके साथियों ने किया था।

जॉयदेब दास तभी से टीएमसी के गुंडों के निशाने पर थे, जब साल 2023 में पंचायत चुनाव के लिए उनकी भाभी मिताली चुनावी मैदान में उतरी। जॉयदेब दास को गंभीर हालत में गंगारामपुर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हमले में दास के पिता भी घायल हो गए। बीजेपी के पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार पीड़ित भाजपा कार्यकर्ता से मिलने अस्पताल पहुँचे। मजूमदार ने दावा किया कि टीएमसी के नेता तरुण पाल और उसके गुंडों ने दास की पत्नी के साथ भी छेड़छाड़ की।

टीएमसी कार्यकर्ताओं ने ये हमला चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के तुरंत बाद की। इस घटना के बाद मजूमदार अस्पताल पहुँचे और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने रविवार (17 मार्च) को ट्वीट में इस बात की जानकारी दी। सुकांत मजूमदार ने लिखा, “टीएमसी के गुंडे राजनीतिक विरोधियों पर हमले कर रहे हैं। मैंने कल रात (शनिवार रात) गंगारामपुर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कुशमंडी विधानसभा के भाजपा कार्यकर्ता से मुलाकात की, जिसपर टीएमसी के गुंडों ने हमला किया था।”

दक्षिण 24 परगना जिले में दो हमले

टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने कई जगहों पर बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले बोले। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित मालवीय ने बताया कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के बसंती ग्राम पंचायत इलाके में टीएमसी के गुंडों ने सुप्रभा मजूमदार नाम की महिला बीजेपी कार्यकर्ता के साथ मारपीट की। मालवीय ने कहा कि 75 वर्षीय महिला और 17 वर्षीय लड़की पर भी उन्हीं गुंडों ने हमला किया।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बुरखाली ग्राम पंचायत क्षेत्र के बलिखाल में भाजपा बूथ अध्यक्ष और पार्टी कार्यकर्ताओं पर फावड़े और लोहे की छड़ों से हमला किया गया। अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कहा, “हम उनके (भाजपा के पीड़ित कार्यकर्ताओं के) साथ खड़े हैं और उन्हें सभी कानूनी और चिकित्सा सहायता दी जा रही है।”

बीजेपी कार्यकर्ता की दुकान को फूँका

टीएमसी के गुंडों ने रविवार (17 मार्च 2024) की रात करीब 2 बजे रीना ठाकुर नाम की एक गरीब बीजेपी कार्यकर्ता की दुकान में आग लगा दी। यह घटना पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के पडबेश्वर में हुई। आनंदबाजार पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता रीना ठाकुर पडबेश्वर में भाजपा के महिला मोर्चा मंडल की महासचिव हैं। वह पहले तृणमूल कांग्रेस की सदस्य थीं लेकिन करीब 6 महीने पहले उन्होंने टीएमसी छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। तब से उन्हें टीएमसी के गुंडे परेशान कर रहे हैं और डरा-धमका रहे हैं। उनके ऊपर हमला भी किया गया, ताकि वो बीजेपी छोड़कर फिर से टीएमसी में शामिल हो जाएँ।

चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद उनकी दुकान को आग के हवाले कर दिया गया। आनंद बाजार पत्रिका से बात करते हुए पीड़ित ने बताया, ”रात करीब 2 बजे मेरे पड़ोसी तुलसी बाउरी ने मुझे फोन किया और बताया कि मेरी दुकान में आग लग गई है।” उन्होंने कहा, “मेरी दुकान पूरी तरह से खाक हो चुकी है। मैंने पुलिस को भी सूचना दी, लेकिन अब मेरी दुकान में कुछ नहीं बचा।”

रीना ठाकुर ने बताया कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्होंने एक स्थानीय टीएमसी नेता पर आरोप लगाया है। सीना ठाकुर ने टीएमसी के स्थानीय नेता संतोष पर आरोप लगाते हुए कहा, “जब से मैं बीजेपी में शामिल हुई हूँ, तब से टीएमसी के गुंडे मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। संतोष ने मुझे कई बार जान से मारने की धमकी दी है। एक माह पहले उसके लोगों ने मुझे पीटा था। मैंने तब भी पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब उन्होंने मेरी दुकान ही फूँक दी है।”

ये हमले 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ टीएमसी सरकार द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई चुनाव बाद हिंसा और 2023 पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान चुनाव पूर्व हिंसा की याद दिलाते हैं।

दलित बीजेपी नेता की हत्या

सोमवार (18 मार्च 2024) को भाजयुमो बोलपुर के उपाध्यक्ष कृष्णु सिन्हा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि एक दलित भाजपा नेता की कथित तौर पर टीएमसी के गुंडों ने हत्या कर दी है। पीड़ित की पहचान तन्मय दास के रूप में हुई, जो नानूर में भाजपा एससी मोर्चा मंडल का अध्यक्ष था। सिन्हा ने ट्वीट किया, ”लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी के गुंडों द्वारा एक और हत्या। बैठक के बाद घर जाते समय नानूर के भाजपा एससी मोर्चा मंडल अध्यक्ष तन्मय दास की पूरी प्लानिंग के साथ हत्या कर दी गई। “

उन्होंने आगे कहा, “जिला अध्यक्ष सहित हम सभी लोग सही तरह से पोस्टमार्टम की माँग को लेकर शांतिनिकेतन पुलिस स्टेशन भी गए।”

साल 2021 में पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा

बता दें कि अपने राजनीतिक विरोधियों को दबाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल टीएमसी की खासियत बन चुकी है। जब से पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी की सरकार आई है, तब से विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न और तेज हो गया है। विधानसभा चुनाव में टीएमसी पार्टी की जीत के बाद हुई चुनाव बाद हिंसा में एक दर्जन से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं की जान चली गई। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया, उन पर हमला किया गया और कुछ मामलों में तो उनकी हत्या भी कर दी गई, सिर्फ इसलिए क्योंकि वे एक अलग राजनीतिक विचारधारा से जुड़े थे।

साल 2021 में एक लड़की का उसके पिता के सामने ही टीएमसी के गुंडों ने बलात्कार किया था। पीड़ित ने ऑपइंडिया के साथ अपनी दर्दनाक आपबीती भी साझा की थी। उन्होंने बताया कि कैसे टीएमसी पार्टी से जुड़े अपराधियों ने उन पर हमला किया और यौन उत्पीड़न किया। विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद टीएमसी के गुंडों ने जमकर उत्पात मचाया, अपने विरोधियों के घरों पर हमला किया और लूटपाट की। ऐसे ही एक हमले में टीएमसी के गुंडों ने बीजेपी कार्यकर्ता अविजीत सरकार की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया