सेक्स की भूख शाम में या भोर में: 12 बजे रात में शाहजहाँ शेख कैसे कर सकता है महिलाओं का यौन उत्पीड़न, ममता के मंत्री ने ‘पीठा’ खाने से की तुलना

शेख शाहजहाँ के बचाव में उतरे ममता के मंत्री (फोटो साभार: इंडिया टुडे और NDTV)

संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय पर हुए हमले के मामले में शेख शाहजहाँ को बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी 2024 को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद खबर आई कि तृणमूल कॉन्ग्रेस ने उसे पार्टी से 6 साल के निलंबित कर दिया है। पार्टी के कुछ नेता जहाँ इस घोषणा के बाद इस मामले से पल्ला झाड़ते दिखे तो वहीं पर कुछ नेता ऐसे भी थे जो खुलकर शेख शाहजहाँ के समर्थन में आ गए।

ममता सरकार में कैबिनेट मंत्री उदयन गुहा उन्हीं लोगों में से एक हैं। संदेशखाली में इतना सब कुछ होने के बावजूद उदयन गुहा ने कहा कि उसे (शेख शाहजहाँ को) दुष्प्रचार के जरिए फँसाया गया है। अफवाह में फँसाया गया है। वरना शेख शाहजहाँ तो कभी भी ऐसा कुछ कर ही नहीं सकता।

उन्होंने शाहजहाँ का बचाव करते हुए कहा- “मैं पक्का नहीं कह कता है कि ये शेख शाहजहाँ को किसी की साजिश है या नहीं। लेकिन उसके ऊपर जो आरोप लगे हैं वो एक गलती हैं। उसे झूठा फँसाया गया है। ऐसा तब से हो रहा है जब से ईडी अधिकारियों पर हमला हुआ है। अतीत में, हमने शेख शाहजहाँ के खिलाफ ये आरोप कभी नहीं सुने हैं।”

ये जानते हुए शेख शाहजहाँ के खिलाफ संदेशखाली की कई स्थानीय महिलाओं ने यौन उत्पीड़न तक के गंभीर इल्जाम लगाए हैं… उदयन गुहा कहते दिखते हैं- “मुझे नहीं पता था कि उसे रात के 12 बजे पीठा (महिलाओं के यौन उत्पीड़न की ओर इशाारा करते हुए) खाना पसंद है। मैं जानता था कि ऐसी हरकत करने का मन सुबह-सुबह या फिर रात को सोते समय होता है।”

संयोग से ये शब्द जिन टीएमसी मंत्री के हैं उनपर उनके ही संसदीय क्षेत्र दिनहाटा में यौन उत्पीड़न का इल्जाम लग चुका है। एक वीडियो 21 फरवरी को वायरल हुई थी। इसमें एक महिला नजर आ रही थी जिसका कहना था कि उदयन गुहा ‘पीठा’ बनवाने के नाम पर उनका यौन उत्पीड़न करते थे।

महिला ने कहा था, “लगभग 12 बजे, उदयन गुहा और उनके साथियों ने पार्टी कार्यालय में ‘पीठा’ बनाने के लिए बुलाया। लेकिन मैंने इनकार कर दिया और आधी रात को पीठा बनाने की उनकी बेतुकी बात पर सवाल उठाया। क्या वे इसलिए हमारी इज्जत नहीं करते क्योंकि हम महिला हैं?…मुझे समय-समय पर उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है। मैंने हाथ जोड़कर विनती की, क्या वे मुझे शांति से नहीं रहने देंगे? लेकिन वे नहीं माने। कल पंचायत और बूथ अध्यक्ष आए और मुझे कल आने का निर्देश दिया। लेकिन मैंने ये कहकर मना कर दिया कि मेरी कुछ इज्जत है। मैंने हाथ जोड़कर विनती की पर उनकी प्रतिक्रिया अधिक हिंसात्मक थी।”

संदेशखाली के हाल

बता दें कि बंगाल के संदेशखाली में 8 फरवरी 2024 को महिलाएँ हाथ में डंडा-झाड़ू लेकर टीएमसी के नेता शेख शाहजहाँ और उसके साथियों का विरोध करने सड़क पर उतरीं थीं। इसी दौरान उन्होंने वो चौंकाने वाले खुलासे किए थे जिसे सुन पूरा देश सन्न था।

ऐसे समय में ये मुद्दा मीडिया से लेकर सोशल मीडिया में प्रमुखता से उठा। नतीजा ये हुआ कि देर ही सही लेकिन संदेशखाली की महिलाओं के अनुसार जो प्रशासन उनकी सुन नहीं रहा था उसी ने टीएमसी नेता के करीबियों को पकड़ना शुरू किया।

पहले शेख के करीबी शिबू हाजरा, उत्तम सरदार, अजीत मैती गिरफ्तार हुए। उसके बाद हाईकोर्ट की फटकार के बाद 29 फरवरी को शेख शाहजहाँ भी पकड़ लिया गया। कोर्ट ने उसे 10 दिन पुलिस हिरासत में भेजा है। वहीं टीएमसी ने उसे 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है।

उसपर 5 जनवरी 2024 को ईडी की टीम पर हमला करवाने का भी आरोप है। पुलिस ने उसे इसी मामले में पकड़ा है। यौन उत्पीड़न के मामले में तो कहा गया कि जाँच के बाद कोई कार्रवाई होगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया