तृणमूल के गुंडों ने पत्रकारों पर हमला कर सिर फोड़ा, पुलिस बनी रही मूकदर्शक

भाजपा और कॉन्ग्रेस ने पत्रकारों पर हमले के लिए ममता बनर्जी को आड़े हाथों लिया

पश्चिम बंगाल में पत्रकारों व भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। चुनाव के दौरान हो रही एक से बढ़कर एक हिंसक वारदातों के बीच तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों ने एक बार फिर पत्रकारों पर धावा बोला। ख़बरों के अनुसार, बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आमडांगा में न्यूज़ एक्स के पत्रकार तपस सेनगुप्ता और उनके कैमरामैन सहित पूरी टीम, चुनाव को कवर कर रही थी। तभी तृणमूल के गुंडों ने उन पर हमला कर दिया। आज पाँचवे चरण के तहत बैरकपुर में भी मतदान चालू है। न्यूज़ एक्स टीम की कार को भी नुकसान पहुँचाया गया और तोड़फोड़ की गई। पत्रकार सेनगुप्ता को सिर में चोट आई है।

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तपस सेनगुप्ता न्यूज़ एक्स के सीनियर कोरेस्पोंडेंट हैं। उनके व उनके साथ काम कर रहे कैमरामैन के अलावा कार चला रहे ड्राइवर पर भी हमला किया गया। भाजपा ने एक राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल के पत्रकारों पर इस तरह के हमले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला है। सेनगुप्ता ने कहा कि उस जगह से हिंसा की ख़बरें आई थीं, जिसका पता लगाने वो लोग वहाँ गए थे लेकिन तभी तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता उग्र हो गए और उन पर हमला बोल दिया। बंगाल पुलिस के सामने ही यह सब हुआ लेकिन वो मूकदर्शन बनी रही और किसी ने भी पत्रकारों की मदद नहीं की।

भाजपा ने चुनाव आयोग से ममता बनर्जी की पार्टी पर कार्रवाई करने की माँग की। भाजपा ने पश्चिम बंगाल के राज्य प्रशासन पर भी तृणमूल कॉन्ग्रेस की मदद का आरोप लगाया। कॉन्ग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह पश्चिम बंगाल जैसे राज्य के लिए एक कलंक है। उन्होंने टीएमसी को इस हमले के लिए ज़िम्मेदार ठहराया। पत्रकारों ने जब तृणमूल नेताओं से इस बाबत संपर्क करने की कोशिश की तो उधर से कोई जवाब नहीं आया।

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बैरकपुर में लोकसभा का चुनाव काफ़ी दिलचस्प है क्योंकि यहाँ तृणमूल कॉन्ग्रेस की तरफ से भारत के पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी मैदान में हैं। तृणमूल कॉन्ग्रेस से 4 बार विधायक रहे अर्जुन सिंह को भाजपा ने यहाँ से टिकट दिया है। अर्जुन सिंह हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। अर्जुन सिंह स्थानीय स्तर पर अपने संपर्क और बूथ प्रबंधन के लिए जाने जाते हैं। वह पहले त्रिवेदी के चुनाव प्रबंधक रह चुके हैं। जहाँ त्रिवेदी की निगाह यहाँ जीत की हैट्रिक लगाने पर है, वहीं भाजपा यहाँ की 40% हिन्दी भाषी जनसंख्या को देखते हुए मोदी फैक्टर पर भी ज़ोर लगा रही है। पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक, अर्जुन सिंह ने तृणमूल को कई सफलताएँ दिलाई हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया