मैडम चतुर… ट्विटर पर प्रियंका चतुर्वेदी और अमृता फडणवीस के बीच ‘औकात’ वाली फाइट, डिजाइनर की ‘साजिश’ और सुप्रीम कोर्ट से महाराष्ट्र की राजनीति गरम

अमृता फडणवीस और प्रियंका चतुर्वेदी के बीच ट्विटर पर फाइट

एक महिला डिजाइनर पर एफआईआर और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद महाराष्ट्र की राजनीति फिर गरम हो गई है। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता ने डिजाइनर अनिक्षा के खिलाफ साजिश, धमकी और एक करोड़ रुपए की रिश्वत देने की कोशिश के आरोप लगाए हैं। इसको लेकर ट्विटर पर उनके और उद्धव ठाकरे गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के बीच तीखी नोंकझोंक देखने को मिली है। वहीं सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने गुरुवार (16 मार्च 2023) को उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच शिवसेना को लेकर चल रही लड़ाई पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

अमृता फडणवीस द्वारा पुलिस से डिजाइनर की शिकायत किए जाने के बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मामले की मेरिट पर सवाल खड़े करते हुए ट्वीट किया। जवाब में अमृता ने लिखा कि ‘मैडम चतुर’ आप पहले मुझे एक्सिस बैंक से गलत फायदे मिलने के एक फर्जी मामले में फँसाने की कोशिश कर चुकी हैं। अब आप मेरी सच्चाई पर भी सवाल उठा रही हैं। जो केस बंद करने के लिए रिश्वत देता है, उसकी आप अपने ‘मास्टर’ के जरिए मदद करती हैं। यही आपकी ‘औकात’ है।

शिवसेना सांसद ने कई ट्वीट करते हुए अमृता और आरोपित डिजाइनर के बीच संबंधों को लेकर सवाल उठाए। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “अपराधी की बेटी पहले डिप्टी सीएम की पत्नी से संपर्क करती है। 5 साल दोस्ती चलती है। डिप्टी सीएम की पत्नी को वह महँगे गहने, कपड़े देती है। गाड़ी में साथ में घूमती है। वह डिजाइनर यह भी बताती है कि सट्टेबाजों की शिकायत कर कैसे पैसे कमाए जा सकते हैं। इस सब के बाद भी दोस्ती जारी रहती है। अब ब्लैकमेल करने के आरोप लग रहे हैं। ये महाराष्ट्र में हो क्या रहा है।”

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया है कि अनिल जयसिंघानी की बेटी अनिक्षा खुद को डिजाइनर बनकर उनकी पत्नी के संपर्क में आई थी। बाद में उसने अपने पिता से जुड़े एक मामले को रफादफा करने के लिए उनकी पत्नी को एक करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश की थी। उन्होंने अनिक्षा पर अपनी पत्नी को ब्लैकमेल करने और धमकी देने का आरोप भी लगाया है। अनिक्षा को गिरफ्तार किए जाने की खबरें आ रही है।

वहीं मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली संविधान पीठ ठाकरे और शिंदे गुट तथा महाराष्ट्र के गवर्नर की तरफ से दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। गुरुवार को सुनवाई के दौरान उद्धव गुट ने गवर्नर के फ्लोर टेस्ट आदेश को निरस्त करने की भी गुहार लगाई। पीठ दोनों गुटों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। एकनाथ शिंदे ने जून 2022 में तत्कालीन डिप्टी स्पीकर के नोटिस को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। वहीं उद्धव गुट ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के विश्वास मत के आदेश को चुनौती दी थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया