52 महीने ट्वीट नहीं किया फिर भी वेरिफाइड रहा रवीश का ट्विटर हैंडल, 6 महीने इनएक्टिव रहे तो छीन लिया वेंकैया नायडू का ब्लू टिक

जिस नियम का हवाला दे वेंकैया नायडू के हैंडल से ब्लू टिक हटाया, वो रवीश के लिए लागू नहीं होता? (फाइल फोटो)

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने भारत सरकार के नेताओं को परेशान करने और देश के नियम-कानून का मखौल उड़ाने का मन बना लिया है। तभी वो कभी ‘वैक्सीन से मौत’ की अफवाह का फैक चेक हटा देता है, कभी देश के उप-राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल का ब्लू टिक हटा देता है और कभी सरकार के खिलाफ कोर्ट में कुतर्क देता है। लेकिन, रवीश कुमार जैसे वामपंथी पत्रकारों के प्रति Twitter गजब की नरमी दिखाता है।

अब Twitter ने बताया है कि उसने क्यों देश के उप-राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू के ट्विटर हैंडल को ‘Unverify’ कर उन्हें मिला ब्लू टिक हटा दिया। वेंकैया नायडू के ट्विटर हैंडल पर 13 लाख फॉलोवर हैं, जबकि उनके उप-राष्ट्रपति वाले आधिकारिक हैंडल पर 9.3 लाख लोग जुड़े हुए हैं। ट्विटर ने मनमानी करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत के अलावा 5 अन्य बड़े RSS नेताओं के हैंडल्स को मिला ब्लू टिक भी छीन लिया।

साथ ही रिटायर्ड IAS अधिकारी संजय दीक्षित को मिला ब्लू टिक भी वापस ले लिया गया। अब ट्विटर का कहना है कि उप-राष्ट्रपति नायडू का हैंडल ‘Inactive’ (निष्क्रिय) था, इसीलिए इसे ‘Verified’ की श्रेणी से हटाया गया था। वेंकैया नायडू ने इस हैंडल से अंतिम बार जनवरी 2020 में ट्वीट किया था। ट्विटर के नियमानुसार, 6 महीने तक अगर हैंडल निष्क्रिय रहा तो उसे ‘Unverified’ कर दिया जाता है।

लेकिन, रवीश कुमार जैसे पत्रकारों के समय उसका ये नियम कहाँ चला जाता है? रवीश कुमार के सोशल मीडिया हैंडल को खँगालने पर आप पाएँगे कि उन्होंने अगस्त 22, 2015 में एक ट्वीट के बाद सीधा जनवरी 2020 में एक ट्वीट को एक रीट्वीट किया था, अर्थात साढ़े 4 साल का गैप। फिर उन्होंने सीधा जनवरी 2021 में एक ट्वीट और एक रीट्वीट किया, मतलब फिर 1 साल का गैप। इस साल भी उन्होंने पिछले 4 महीनों से कोई ट्वीट नहीं किया है।

https://twitter.com/SushantBSinha/status/1401055799246409728?ref_src=twsrc%5Etfw

इसी तरह वामपंथी कॉमेडी समूह ‘ऑल इंडिया बकचो$’ के पेज को भी इनएक्टिव रहने के बावजूद उसका ब्लू टिक नहीं छीना गया। AIB ने जून 2020 के बाद से कोई ट्वीट ही नहीं किया है। इसके संस्थापक और तथाकथित कॉमेडियन गुरसिमरत खम्भा ने तो अप्रैल 2015 के बाद से कोई ट्वीट ही नहीं किया, लेकिन उनके हैंडल पर ब्लू टिक बड़े शान से मौजूद है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में आरोपित रहीं रिया चक्रवर्ती ने अपना अंतिम ट्वीट जुलाई 2020 में किया था।

इधर इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमिडियरी गाइडलाइंस एण्ड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 के तहत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भारत सरकार के नए आईटी कानूनों के अनुपालन के लिए कहा गया था, जिस पर ट्विटर को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि ट्विटर ने नए आईटी रूल्स के अंतर्गत नियुक्त किए जाने वाले चीफ कंप्लायन्स ऑफिसर से संबंधित कोई जानकारी साझा नहीं की है और ट्विटर द्वारा नियुक्त किए गए रेसीडेंट ग्राइवेंस ऑफिसर और नोडल कान्टैक्ट पर्सन भी ट्विटर के कर्मचारी नहीं हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया