‘आयुर्वेद को बनाएँ अपने जीवन का हिस्सा, बाँस की बनी वस्तुएँ खरीदें’: प्रधानमंत्री ने पालघर का जनजातीय समाज का किया जिक्र, बनाते हैं बाँस के सामान

जनजातीय समाज द्वारा बनाए जाने वाले बाँस के उत्पादों को बढ़ावा देने की पीएम मोदी की अपील (प्रतीकात्मक चित्र)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (25 दिसंबर, 2022) को रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया। मन की बात का यह 96वाँ एपिसोड था। इसमें पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही, उन्होंने बढ़ रहे कोरोना के खतरे को देखते हुए देशवासियों से सावधानी बरतने का भी आग्रह किया है।

‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, “2022 वाकई कई मायनों में बहुत ही प्रेरक रहा, अद्भुत रहा। इस साल भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किये और इसी वर्ष अमृत काल का प्रारंभ हुआ। इस साल देश ने नई रफ़्तार पकड़ी, सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किया। 2022 की विभिन्न सफलताओं ने आज पूरे विश्व में भारत के लिए एक विशेष स्थान बनाया है।”

प्रधानमंत्री ने 2022 की सफलताओं को याद करते हुए यह भी कहा, “2022 यानी, देश के जन-जन द्वारा आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को अपनाना इसे जी कर दिखाना। 2022 यानि, भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रांत का स्वागत। 2022 यानी, अंतरिक्ष, ड्रोन और डिफेंस सेक्टर में भारत का परचम। 2022, यानी हर क्षेत्र में भारत का दमखम। 2022 यानि भारत द्वारा दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का मुकाम हासिल करना।”

पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि अटल जी एक महान राजनेता थे, जिन्होनें देश को असाधारण नेतृत्व दिय। हर भारतवासी के हृदय में उनके लिए एक खास स्थान है।

उन्होंने यह भी कहा है कि साक्ष्य-आधारित मेडिसिन के युग में, योग और आयुर्वेद अब आधुनिक युग की कसौटी पर खरे उतर रहे हैं। ‘टाटा मेमोरियल सेंटर’ द्वारा किए गए एक गहन शोध से पता चला है कि योग ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों के लिए बहुत प्रभावी हैं। पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में अपने संबोधन में देश के लोगों से आयुर्वेद को जीवन का हिस्सा बनाने का भी आग्रह किया।

गंगा नदी की सफाई को लेकर शुरू किए ‘नमामि गंगे अभियान’ को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा है कि सदियों से कल-कल बहती माँ गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इसी उद्देश्य के साथ आठ साल पहले नमामि गंगे अभियान की शुरुआत की थी। यह गौरव की बात है कि भारत की इस पहल को आज दुनियाभर की सराहना मिल रही है।

‘स्वच्छ भारत अभियान’ के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “स्वच्छ भारत मिशन, आज हर भारतीय के मन में रच-बस चुका है। साल 2014 में इस जन आंदोलन के शुरू होने के साथ ही इसे नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए लोगों ने कई अनूठे प्रयास किए गए हैं और ये प्रयास सिर्फ समाज के भीतर ही नहीं बल्कि सरकार के भीतर भी हो रहे हैं।”

उन्होंने बाँस से बनाई जाने वाली वस्तुओं को बढ़ावा देने और इसके बाजार के बारे में कहा, “देश के अनेक क्षेत्र में बांस से अनेक सुन्दर और उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं। विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में बांस के कुशल कारीगर, कुशल कलाकार हैं। जब से देश ने बैम्बू से जुड़े अंग्रेजों के जमाने के कानूनों को बदला है, इसका एक बड़ा बाज़ार तैयार हो गया है। महाराष्ट्र के पालघर जैसे क्षेत्रों में भी आदिवासी समाज के लोग बैम्बू से कई खुबसूरत प्रोडक्ट्स बनाते हैं।”

पीएम ने यह भी कहा, “कल 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ है और मुझे इस अवसर पर दिल्ली में साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी की शहादत को समर्पित कार्यक्रम में हिस्सा लेने का सौभाग्य प्राप्त होगा। देश का बलिदान, साहिबजादे और माता गुजरी हमेशा याद रहेगी।”

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के जरिए इस साल के अपने आखिरी संबोधन को समाप्त करते हुए कहा, “अगली बार सभी साल 2023 में मिलेंगे। आप सभी को साल 2023 की शुभकामनाएँ। ये साल भी देश के लिए खास हो।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया