राम मंदिर पर एक्शन में योगी सरकार: अयोध्या में हाई अलर्ट, अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द

योगी आदित्यनाथ ने किया राम मंदिर संघर्ष में लगे सभी संतों को याद

राम मंदिर मामले में उत्तर प्रदेश सरकार सारी तैयारियाँ कर के रखना चाहती है ताकि क़ानून-व्यवस्था पर कुछ भी आँच नहीं आए। अयोध्या में भव्य दीपोत्सव की तैयारी में जुटी योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी अधिकारियों की छुट्टियाँ 30 नवंबर तक रद्द कर दी है। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की रोजाना सुनवाई बुधवार (अक्टूबर 16, 2019) को शाम 5 बजे समाप्त होने की उम्मीद है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 18 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। इससे पहले फैसला आने की उम्मीद है। सीजेआई ने कहा है कि सुनवाई समाप्त होने के बाद अदालत को फ़ैसला लिखने के लिए कुछ समय चाहिए होगा।

दीपावली के भव्य त्योहार और अयोध्या मामले में फ़ैसले की घड़ी करीब आने के साथ ही यूपी सरकार सजग हो गई है। सभी अधिकारियों को अपने मुख्यालय में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश देते हुए उन्हें चौकन्ना रहने को कहा गया है। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द की गई हैं। हालाँकि, सरकार ने कहा है कि अगर कोई ‘अत्यधिक अपरिहार्य’ कारण आ खड़ा होता है तो उसी स्थिति में अधिकारियों को छुट्टी दी जाएगी।

अधिकारियों को भेजे गए पत्र में इस आदेश का कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी गई है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बताया था कि दीपोत्सव के दौरान साढ़े 5 लाख दीपक जलाए जाएँगे। इससे कुम्हारों के चाक जगमग हो उठे हैं और उन्होंने योगी सरकार को धन्यवाद भी दिया है। उन्हें रोजगार के नए अवसर मिले हैं। यूपी सरकार अयोध्या को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने और इसे विश्व पटल पर पहचान दिलाने की बातें भी कह रही है। ख़ुद मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस सम्बन्ध में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

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अयोध्या मामले में ताज़ा घटनाक्रम की बात करें तो सुन्नी वक्फ बोर्ड ने विवादित जमीन पर अपना दावा छोड़ दिया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड इस संबंध में शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर कर सकती है। इसके लिए सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने विचित्र शर्तें रखते हुए माँग की है कि अयोध्या में 22 मस्जिदों के रख-रखाव की जिम्मेदारी सरकार उठाए।

यूपी सरकार ने पत्र जारी कर दिया अहम आदेश

सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के 72 वर्षीय वकील राजीव धवन ने हिन्दू महासभा के कुछ कागज़ात फाड़ डाले। हिन्दू महासभा ने उन्हें कुछ कागज़ात और नक़्शे दिए थे। अदालत में ही धवन ने उन्हें एक-एक कर फाड़ना शुरू कर दिया। इसे लेकर सीजेआई गोगोई ने उन्हें फटकार भी लगाई।

फ़ैसले के मद्देनजर प्रशासन पहले से हाई अलर्ट पर है। अयोध्या में धारा 13 अक्टूबर को ही धारा 144 लागू कर दी गई थी। 10 दिसंबर तक धारा-144 लागू रहेगी। भारी संख्या में सुरक्षाबल की तैनाती का फ़ैसला भी लिया गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया