रॉबर्ट वाड्रा की गिरफ़्तारी पर रोक की अवधि 2 मार्च तक बढ़ी

रॉबर्ट वाड्रा और प्रियंका गाँधी

शनिवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और एक अन्य आरोपी मनोज अरोड़ा की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम ज़मानत बढ़ा दी। ताजा जानकारी के अनुसार वाड्रा की अंतरिम ज़मानत 2 मार्च तक बढ़ा दी गई है।

ख़बरों के मुताबिक, रॉबर्ट वाड्रा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी अग्रिम जमानत याचिका के सिलसिले में आज सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए थे। वाड्रा को दी गई अंतरिम जमानत शनिवार को समाप्त होने वाली थी। ईडी के अधिकारियों ने इस मामले की पूछताछ में रॉबर्ट वाड्रा द्वारा सहयोग न किए जाने के संबंध में शिक़ायत की थी।

विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने विशेष अदालत को सूचित किया कि वाड्रा द्वारा सहयोग न किए जाने के लिए उनकी ज़मानत याचिका का विरोध कर रहे हैं। सिंह ने आगे कहा कि पूछताछ को पूरा करने के लिए उन्हें वाड्रा के चार से पाँच पेशी की ज़रूरत है।

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सिंह ने कहा, “यदि वह सवालों के जवाब देने और सहयोग करने के लिए तैयार हैं, तो हम इसे देख सकते हैं। अगर वह ज़मानत याचिका पर बहस करना चाहते हैं, तो हम उस तरह से भी आगे बढ़ सकते हैं।” एसएसपी सिंह ने आरोपी रॉबर्ट वाड्रा द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग पर भी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने ईडी की जांच को राजनीतिक बदला लेने के रूप में पेश किया था।

आज की सुनवाई के दौरान, ईडी अभियोजक ने इस बात पर आपत्ति जताई कि रॉबर्ट वाड्रा जहाँ भी जाते हैं, तो एक ‘बारात’ उनके पीछे चलती रहती है, फिर चाहे वह ईडी कार्यालय हो या अदालत।

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आरोपी रॉबर्ट वाड्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने आश्वासन दिया कि वे पूछताछ के लिए अब पूरा सहयोग करेंगे। अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई 2 मार्च तक के लिए टाल दी और गिरफ़्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की।

बता दें कि बीकानेर लैंड स्कैम मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कल रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी मैसर्स स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड की 4.62 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी।

रॉबर्ट वाड्रा 6 फ़रवरी को कई समन के बाद पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय में पेश हुए थे। तब से, ED ने वाड्रा से कई बार पूछताछ की।

पिछले साल अप्रैल में ईडी ने वाड्रा के सहयोगी जयप्रकाश बगरवा की संपत्तियों को बीकानेर भूमि घोटाला मामले में अटैच किया था। बीकानेर भूमि घोटाला मामले में, राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा अचल संपत्ति डेवलपर्स सहित कुछ धोखाधड़ी वाले व्यक्तियों की मिलीभगत से ग़ैर-मौजूद व्यक्तियों के नाम पर भूमि आवंटित की गई थी।

वाड्रा पर उनके ख़िलाफ़ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला भी दर्ज है, इसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी फ़र्म स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने कोलायत और बीकानेर में ज़मीन का एक टुकड़ा सस्ते में ख़रीदा था और उसे अवैध लेनदेन के तहत बेहद उच्च प्रीमियम पर बेचा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया