दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने माँगी थी ₹100 करोड़ की घूस: कोर्ट से ED ने कहा- हमारे पास है सबूत, शराब घोटाले में 3 जुलाई तक बढ़ी हिरासत

अरविंद केजरीवाल (साभार: नवभारत लाइव)

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार (19 जून 2024) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं उनके सहयोगी की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई 2024 तक बढ़ा दी। अदालत केजरीवाल की नियमित जमानत की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोर्ट को बताया कि उसके पास शराब नीति में 100 करोड़ रुपए की रिश्वत माँगने को लेकर केजरीवाल के खिलाफ सबूत हैं।

ED की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने कहा कि अदालत ने इस मामले में धन शोधन के मामले में दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि धन शोधन मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित सह-आरोपियों की जमानत याचिका खारिज होना दर्शाता है कि अदालत धन शोधन के आरोप को स्वीकार कर रही है।

ASG राजू ने कहा, “अदालत द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का संज्ञान लेने से प्रथम दृष्टया अदालत को विश्वास हो गया है कि यहाँ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है। सीबीआई जाँच में पता चला है कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपए की रिश्वत माँगी थी। हमने गिरफ्तारी से पहले ही सबूत एकत्र कर लिए थे।” बता दें कि केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था।

प्रवर्तन निदेशालय के वकील एसवी राजू ने कहा कि विनोद चौहान ने गोवा चुनाव के लिए अभिषेक बोइनपल्ली के माध्यम से बीआरएस नेता के. कविता के पीए से 25 करोड़ रुपए प्राप्त किए। उन्होंने यह भी कहा कि इस महीने के अंत तक विनोद चौहान के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की जाएगी। विनोद चौहान को मई 2024 में गिरफ्तार किया गया था।

केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कोर्ट में दलील दी कि पीएमएलए के तहत दायर किसी भी आरोपपत्र में AAP सुप्रीमो का नाम नहीं है। विक्रम चौधरी ने कहा, “सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में भी केजरीवाल का नाम आरोपित के तौर पर नहीं है। ED जो भी आरोप लगा रही है, उससे ऐसा लगता है कि वह मुझ पर पीएमएलए के तहत नहीं, बल्कि सीबीआई के मामले में मुकदमा चला रही है।’’

उन्होंने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई 2024 को अपने आदेश में कहा था कि अरविंद केजरीवाल निचली अदालत में जमानत याचिका दायर कर सकते हैं। केजरीवाल के वकील ने कहा कि पूरा मामला केवल उन गवाहों के बयानों पर आधारित है, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था और जिन्हें जमानत देने का वादा किया गया था।

उन्होंने आगे कहा, “उन्हें क्षमा करने का वादा किया गया था… वे संत नहीं हैं। इन लोगों को लालच दिया गया था। इन लोगों की विश्वसनीयता पर भी सवाल है। पूरा मामला अगस्त 2022 में शुरू हुआ और केजरीवाल की गिरफ्तारी चुनाव से ठीक पहले मार्च 2024 में हुई। केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय के पीछे भी एक दुर्भावना है।”

बता दें कि इससे पहले अदालत ने आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। वहीं, अदालत ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत भी 19 जून तक बढ़ा दी थी। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया