पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के बाद बीजेपी कार्यालय में बुधवार की रात आग लगने से सियासत गरमा गई है। कथिततौर बीजेपी का आरोप है कि उत्तरी 24 परगना जिले में स्थित भाजपा कार्यालय को तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा आग लगाया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीती रात मोहनपुर ग्राम पंचायत के बबनपुर इलाके में भाजपा कार्यालय को जला दिया गया। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे टीएमसी का हाथ है और वह बीजेपी से डरते हुए ऐसे सस्ते हथकंडे अपना रही है।
https://twitter.com/ANI/status/1329313629150220288?ref_src=twsrc%5Etfwसमाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना हैं कि टीएमसी उन्हें डरना चाहती है, लेकिन वे एकजुट हैं और एकजुट रहेंगे। टीएमसी सस्ते ट्रिक का इस्तेमाल कर रही है।
पश्चिम बंगाल में 2021 चुनावों से पहले राजनीतिक हिंसा की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ता अक्सर निशाना बनते रहे हैं और उनके साथ मारपीट, अपहरण व हत्या की कई खबरें सामने आती हैं। माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में जनता के बीच भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता और कार्यकर्ताओं के प्रयासों को देखते हुए भाजपा कार्यालय पर हमला हुआ है।
इस घटना को लेकर बीजेपी बंगाल के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “उपद्रवियों ने नोआपारा ग्रामीण मंडल में भाजपा पार्टी कार्यालय में आग लगा दी। सत्ता को बने रहने की एक बेताब कोशिश में टीएमसी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हिंसा-हत्या, पार्टी कार्यालयों को जलाना जैसे अन्य आतंकी हिंसा को अंजाम दे रही है। जल्द ही टीएमसी को उखाड़ फेंका जाएगा।”
https://twitter.com/BJP4Bengal/status/1329388487066353670?ref_src=twsrc%5Etfwपश्चिम बंगाल में नहीं थम रही BJP नेताओं की हत्या का सिलसिला
गौरतलब है कि तुफानगंज इलाके में कल ही एक भाजपा कार्यकर्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। मृतक बीजेपी नेता के परिवार वालों ने टीएमसी के गुंडों पर हत्या का आरोप लगाया था। परिवार ने पुलिस को दी शिकायत में पाँच टीएमसी कार्यकर्ताओं का नाम लिया था।
परिवार वालों का आरोप है कि पाँचों टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बेरहमी से बीजेपी नेता की पिटाई की, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आई। जब इलाज के लिए उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बीजेपी ने टीएमसी पर राजनीतिक हत्याओं का आरोप लगाया और यह दावा किया कि बंगाल के लोग कभी इसका समर्थन नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले 1 नवम्बर को पश्चिम बंगाल के नदिया में 34 वर्षीय भाजपा कार्यकर्ता बिजॉय शील की लाश एक पेड़ से लटकते हुए पाई गई थी। पश्चिम बंगाल भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर तस्वीरें शेयर करते हुए इस घटना को लेकर दुःख जताते हुए आरोप लगाया था कि अब बीजेपी को रोकने के लिए आतंक का सहारा लिया जा रहा है।
वहीं पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर में गुरुवार (30 जुलाई, 2020) को भाजपा बूथ सचिव गौतम पात्र का शव पेड़ से लटका मिला था। बीते 24 घंटे के भीतर बंगाल में दो भाजपा कार्यकर्ताओं के शव पेड़ से लटके मिले थे। इससे पहले पूर्वी मिदनापुर जिले के कछुरी गाँव में बीजेपी कार्यकर्ता पूर्णचंद्र दास का शव पेड़ से लटका मिला था।
13 जुलाई को पश्चिम बंगाल के सुदर्शनपुर में हेमताबाद के भाजपा विधायक देबेन्द्र नाथ रॉय का मृत शरीर एक फंदे से झूलता हुआ पाया गया था। विधायक का मृत शरीर बंद चाय की एक दुकान के सामने झूलता हुआ मिला था। परिजनों ने इसे हत्या करार दिया था।
पश्चिम बंगाल के कलना में पाथर घाटा गाँव में राबिन पॉल नाम के एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। घटना के दौरान, उन्हें पहले टीएमसी समर्थकों द्वारा बेरहमी से पीटा गया और फिर गाँव में दूसरी जगह ले जाया गया जहाँह पॉल को टीएमसी के उप प्रमुख ने कथित रूप से बेरहमी से पीटा था।
गणेश रॉय नामक एक भाजपा कार्यकर्ता का शव 13 सितंबर को राज्य के हुगली जिले के गोघाट में एक पेड़ पर लटका मिला था। रॉय एक सक्रिय भाजपा कार्यकर्ता के रूप में इस क्षेत्र में प्रसिद्ध थे। उनके बेटे ने आरोप लगाया है कि रॉय की हत्या तृणमूल कॉन्ग्रेस के पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई थी। उसने दावा किया कि उन्होंने उसका शव पेड़ पर हत्या के बाद लटकाया गया था।
वहीं उत्तर 24-परगना के टीटागढ़ में 5 अक्टूबर को भाजपा के पूर्व पार्षद मनीष शुक्ला को गोली मार दी गई थी। हेलमेट पहने हमलावरों ने मनीष शुक्ला को कई गोलियाँ मारी थी। कुछ दिनों बाद, पश्चिम बंगाल पुलिस ने भाजपा नेता मनीष शुक्ला के हत्यारों को शरण देने के लिए एक ‘टीएमसी कार्यकर्ता’ को गिरफ्तार किया था और बाइक, कार्बाइन और पिस्तौल बरामद की थी।