अनजान बुजुर्ग महिला के लिए बस कंडक्टर से भिड़ गए थे नरेंद्र मोदी, सहायता के लिए बीच में रुकवाई थी गाड़ी: बस में सवार यात्री ने सुनाई पूरी कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (डेकन क्रॉनिकल)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अपना 73वाँ जन्मदिन मना रहे हैं। 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर में दामोदरदास मूलचंद मोदी और हीराबेन के घर पैदा हुए नरेंद्र मोदी के गुणों के चर्चे बचपन से ही सुनने में आए हैं। अभी दो दिन पहले ही आए मॉर्निंग कंसल्ट एक ताजा सर्वे में वे दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले नेता के रूप में शुमार किए गए हैं। सर्वे में 76% लोगों ने PM मोदी के नेतृत्व का लोहा माना है और उन्हें सबसे ज़्यादा अप्रूवल रेटिंग दी है। वहीं आज उनके जन्मदिन के अवसर पर भाजपा कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।

PM मोदी के जन्मदिन को भाजपा सेवा पखवाड़े के तौर पर मना रही है। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम मनाए जा रहे हैं। बता दें कि नरेंद्र मोदी अपने माता-पिता की छह संतान में तीसरे नंबर पर हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा वडनगर के भागवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल में हुई थी।

जब एक बुजुर्ग महिला के लिए कंडक्टर से भिड़ गए नरेंद्र मोदी

पीएम मोदी के जन्मदिन पर हर साल उनके साथ रहे लोग उनसे जुड़े कई किस्से और कहानियाँ शेयर करते रहे हैं। ऐसे ही इस बार जो कहानी सामने आई है उसे गुजरात की आरएसएस कार्यकर्ता नीता सेवक ने शेयर किया है कि कैसे नरेंद्र मोदी एक बुजुर्ग महिला के लिए बस कंडक्टर से भिड़ गए थे। 

नीता सेवक ने यह खास किस्सा शेयर करते हुए बताया, “तब मोदी जी हमारे प्रचारक थे। यह 80 के दशक की बात होगी। मैं एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बस में उनके साथ जा रहा था। तभी एक बुजुर्ग महिला बस में चढ़ी। कंडक्टर टिकट लेकर उनके पास आया। इस दौरान बुजुर्ग महिला ने कंडक्टर को उस जगह के बारे में बताया जहाँ वह जाना चाहती थी। लेकिन पता चला कि वह गलत बस में चढ़ गई थी, लेकिन कंडक्टर ने बस रोककर महिला को उतारने से मना कर दिया।” उन्होंने कहा कि कंडक्टर उल्टा बुजुर्ग महिला पर आरोप लगा रहा था।

नरेंद्र मोदी ये सब देख रहे थे। नीता ने कहा कि तभी मोदी जी खड़े हुए और उस आदमी से भिड़ गए। उन्होंने उसे डाँटा और तब तक उससे भिड़े रहे जब तक कि बस रोक नहीं दी गई। इसके बाद वृद्ध महिला बस से उतर गईं। बुजुर्ग महिला को बस से उतारने के बाद, नरेंद्र मोदी ने कंडक्टर से फिर बात की। उन्होंने कहा, “क्यों, हीरो, कुछ समझ आया। मुझे उम्मीद है कि जो मैंने कहा वो तुम्हें अच्छे से समझ आ गया होगा। यह सब दोबारा नहीं होना चाहिए। बेसहारा लोगों के प्रति सम्मान दिखाओ।”

लगातार कीर्तिमान गढ़ रहे हैं PM मोदी

यहाँ भी उनके उस व्यक्तित्व और नेतृत्व की झलक मिलती है जिसकी आज पूरी दुनिया दीवानी है। संघ प्रचारक से लेकर भारत के प्रधानमंत्री बनने तक पीएम मोदी की जिंदगी से जुड़े ऐसे अनेकों किस्से हैं। जिनमें से अधिकांश कई बार सुनी और सुनाई गई है। लेकिन हार बार जब भी उनसे जुडी कोई नई कहानी आती है तो प्रेरणा के स्रोत समेटे होती है। 

बता दें कि अपनी युवावस्था से ही पीएम मोदी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सदस्य और प्रचारक रहे हैं। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 के दशक से हुई। हालाँकि, 1990 से पहले तक उनके राजनीतिक करियर ने ज्यादा रफ्तार नहीं पकड़ी थी लेकिन जब पकड़ी तो फिर पीछे लौटकर नहीं देखना पड़ा। गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर आज प्रधानमंत्री के सफर में वे लगातार कीर्तिमान गढ़ रहे हैं। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया