चाहे जितनी पुलिस लगा लो, हमने चूड़ियाँ नहीं पहन रखी हैं… अल्ताफ बुखारी का ऐलान – J&K में एक भी ‘बाहरी’ को नहीं बसने देंगे, जमीनों पर हक़ हमारा

अल्ताफ बुखारी ने कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार और उनके दर्द का भी मखौल उड़ाया (फाइल फोटो)

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ़्ती अक्सर भड़काऊ बयान देते रहते हैं। इस फेहरिस्त में एक नाम अल्ताफ बुखारी का भी है। ‘जम्मू एंड कश्मीर अपनी पार्टी’ के संस्थापक एवं अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा है कि वो ‘बाहरियों’ को यहाँ बसने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में यहाँ के लोगों की अपनी सरकार होनी चाहिए, जहाँ कम से कम ये भेदभाव न हो कि ये जम्मू का है और ये कश्मीर का।

उन्होंने कहा कि हम सभी जम्मू कश्मीर के हैं और हमारे न सिर्फ मुद्दे साझे हैं, बल्कि उनके समाधान भी साझे होंगे। 2014 में श्रीनगर के अमीर कदल से विधायक चुने जा चुके अल्ताफ बुखारी ने कहा कि उनकी सरकार आएगी तो लोगों के खिलाफ’ किए गए निर्णय वापस लेने पड़ेंगे। उन्होंने कॉलनियों को नियमित करने की माँग करते हुए कहा कि देश के हर राज्य में ऐसे निर्णय होते हैं, दिल्ली में 6-6 महीने बाद कॉलनियाँ रेगुलराइज होती हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को केवल डंडे ही दिखाना चाहती है। उन्होंने कहा, “जो जम्मू कश्मीर का वासी नहीं है, ऐसे एक भी व्यक्ति को यहाँ बसने नहीं देंगे। चाहे उनकी सुरक्षा के लिए कितनी भी पुलिस या फ़ोर्स लगा दो। यहाँ कोई भी गैर-रियासती बाशिंदा नहीं रह सकता है। किसी को भी नहीं बसने देंगे। ये जमीनें हमारी हैं और इन पर हक़ जम्मू कश्मीर के वासियों का है। इनको अगर ये लगता है कि ये बाहर से किसी को लाके बिठाएँगे, तो हमने चूड़ियाँ नहीं पहनी हैं।”

उन्होंने कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार और उनके दर्द का मखौल उड़ाते हुए कहा कि हम वो जमात भी नहीं हैं कि कहीं और जाकर ड्रामा करें। उन्होंने कहा कि हम वो जमात है जो लड़ेंगे और किसी भी गैर-वासी को यहाँ बसने नहीं देंगे। अल्ताफ बुखारी ने कहा कि फैसला हमलोग करेंगे, जम्मू कश्मीर के लोग करेंगे, यहाँ की चुनी हुई सरकार करेगी कि इन कॉलनियों-जमीनों के साथ क्या करना है। उन्होंने कहा कि लोगों को सांप्रदायिक और क्षेत्रीय आधार पर बाँटा जा रहा है, उन्हें होशियार रहना चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया