‘अयोध्या राम मंदिर से हटेगी रामलला की मूर्ति’: कॉन्ग्रेस का विधिवत ऐलान- सरकार बनते ही ‘शुद्धिकरण’, PM मोदी ने ‘बाबरी ताला’ पर किया था आगाह

राम मंदिर पर महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस नेता नाना पटोले का विवादित बयान

महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने अयोध्या के राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस के सत्ता में आने के बाद राम मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा। लोकसभा चुनाव 2024 के 3 चरण बीत चुके हैं और 4 चरण बाकी हैं, ऐसे में उनका ये बयान पार्टी को नुकसान पहुँचा सकता है। नाना पटोले ने फिर से ये झूठ फैलाया कि चारों शंकराचार्यों ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार कर दिया था। सच्चाई ये है कि श्रृंगेरी और कांची मठ ने बयान जारी कर के इसका स्वागत किया था।

महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष रहे नाना पटोले ने राम मंदिर में भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप की प्रतिमा होने पर भी प्रश्नचिह्न लगाया, जबकि शुरू से ये मामला रामलला का ही रहा है और कोर्ट में केस के दौरान भी रामलला के लिए ही मुकदमा लड़ा गया। नाना पटोले ने इसकी जगह वहाँ राम दरबार बनवाने की घोषणा कर डाली। उन्होंने कहा कि I.N.D.I. गठबंधन की सरकार आने पर निश्चित ही राम मंदिर का शुद्धिकरण कराया जाएगा। उन्होंने इस दौरान शंकराचार्यों को सनातन धर्म का मुखिया बताया और कहा कि वो राम मंदिर के विरोध में हैं।

नाना पटोले ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी माँ के देहांत के बाद हिन्दू परंपरा को धता बताते हुए अपने बाल नहीं मुँड़वाए, ऐसे में उनके द्वारा प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेना गलत है। उन्होंने दावा किया कि देश की जनता ने भी मान लिया है कि गलत विधि से रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई है। हालाँकि, सैम पित्रोदा द्वारा दक्षिण भारतीयों को अफ़्रीकी और उत्तर-पूर्वी भारतीयों को चीनी बताने पर उन्होंने कहा कि उनसे ‘इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया गया है।

बता दें कि हाल तक गाँधी परिवार के करीबी रहे प्रमोद कृष्णम ने भी खुलासा किया कि जब राम मंदिर का निर्णय आया तो राहुल गाँधी ने अपने नजदीकी लोगों की बैठक में अमेरिका के अपने एक सलाहकार के कहने पर कहा था कि सरकार बनने पर राम मंदिर का फैसला पलट दिया जाएगा, इसके लिए सुपरपॉवर कमीशन बनाया जाएगा। बकौल प्रमोद कृष्णम, राहुल गाँधी ने यह भी कहा था कि जिस तरह तीन तलाक के मुद्दे को लेकर शाहबानो निर्णय को राजीव गाँधी सरकार ने बदला था तो फिर राम मंदिर का निर्णय क्यों नहीं बदला जा सकता।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कॉन्ग्रेस के इस रुख को लेकर उस पर हमला बोल चुके हैं। उन्होंने कहा था कि NDA को 400 सीटें इसीलिए चाहिए, ताकि कॉन्ग्रेस राम मंदिर पर बाबरी वाला ताला न लगवा दे। इतिहास में ऐसा हो चुका है। AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी खुले मंच से ‘बाबरी मस्जिद ज़िंदाबाद’ का नारा लगा चुके हैं। I.N.D.I. गठबंधन में लालू यादव की RJD भी शामिल है, जिन्होंने CM रहते रामरथ रुकवा कर लालकृष्ण अडवाणी को गिरफ्तार करवाया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया