उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने हड़ताल पर 6 महीने के लिए लगाई रोक, उल्लंघन करने वालों की बिना वारंटी की होगी गिरफ्तारी

योगी सरकार ने लगाई हड़ताल-प्रदर्शन पर रोक (चित्र साभार: News18)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य में अगले 6 माह के लिए हड़ताल और प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। योगी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगले छह माह में राज्य में कोई कर्मचारी हड़ताल या प्रदर्शन करता है तो सरकार उससे सख्ती से निपटेगी। ऐसा करने वालों को पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।

दिल्ली तथा हरियाणा एवं पंजाब की सीमा पर चल रहे किसान प्रदर्शन के बीच यह ऐलान अहम माना जा रहा है। राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए एसेंशियल सर्विस मैनेजमेंट एक्ट (ESMA) लागू कर दिया गया है। यह आदेश कार्मिक विभाग ने आज शुक्रवार (16 फरवरी 2024) निकाला है। यह आदेश अगले 6 माह के लिए लागू की गई है।

इस आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार के अंतर्गत काम करने वाला कोई भी कर्मचारी यदि प्रदर्शन या हड़ताल में शामिल होता है और सामान्य गतिविधि को बाधित करता है तो उसे बिना किसी चेतावनी या वारंट के गिरफ्तार कर लिया जाएगा।यह नियम राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले सरकारी विभागों, निगमों और प्राधिकरणों पर लागू होगा।

दरअसल ESMA कानून ऐसी सुविधाओं पर लागू होता है, जो आवश्यक मानी जाती हैं। राज्य सरकार के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारी जब लम्बी हड़ताल या प्रदर्शन पर जाते हैं तो उसे रोकने और सुविधाओं को सामान्य रूप से संचालित करने के लिए सरकार ESMA लगाती है। हालाँकि, एक बार लगाया गया ESMA 6 माह तक ही जारी रह सकता है।

योगी सरकार के इस कदम के पीछे उत्तर प्रदेश में चालू होने जा रही बोर्ड की परीक्षाएँ, आगामी लोकसभा चुनाव और वर्तमान में चल रहा किसान प्रदर्शन माना जा रहा है। इससे पहले योगी सरकार ने ESMA का उपयोग जुलाई 2023 में किया था, तब बिजली कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे थे। सरकार ने बिजली आपूर्ति सुचारू करने के ESMA लगाया था।

वहीं, किसान प्रदर्शन का भी असर इस निर्णय पर माना जा रहा है। गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में आए किसान प्रदर्शनकारी दिल्ली की तरफ कूच कर चुके हैं। वे हरियाणा पार करके दिल्ली आना चाहते हैं। हालाँकि, अभी अधिकांश किसानों को पंजाब और हरियाणा सीमा पर रोक दिया गया है। पुलिस उन्हें आगे नहीं बढ़ने दे रही है।

किसानों के संगठन दावा कर रहे हैं कि उनके साथ हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान भी हैं। हालाँकि, इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका कोई ख़ास असर नहीं देखा जा रहा। उत्तर प्रदेश से किसान प्रदर्शन की कोई बड़ी खबर अभी सामने नहीं आई है और न ही कहीं अराजकता देखने को मिली है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया