कहने को कॉमेडियन पर काम नफरती, झूठी कहानियाँ सुनाई ताकि मुस्लिम दिखे विक्टिम: कौन हैं हसन मिन्हाज जिसे ओबामा तक दे चुके हैं इंटरव्यू

हसन मिन्हाज की झूठी कहानियों की सच्चाई बाहर आ गई है (चित्र साभार: मैशेबल)

अमेरिका के भारतवंशी कॉमेडियन हसन मिन्हाज मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। हसन मिन्हाज द्वारा अमेरिका में सुनाई गई भेदभाव की कहानियाँ अब झूठी सिद्ध हो रही हैं। मिन्हाज अमेरीका में खुद के मुस्लिम और अश्वेत होने को लेकर कहानियाँ सुनाकर सहानुभूति बटोरते रहे हैं।

अमेरिका की प्रख्यात मैगजीन ‘द न्यूयॉर्कर’ ने हसन मिन्हाज की इन कहानियों की सच्चाई सामने रखी है। मैगजीन ने हसन की कहानियों की जाँच करके बताया है कि वह लोगों की सहानुभूति बटोरने के लिए ऐसी कहनियाँ सुनाते थे जिनका कोई सर पैर ही नहीं होता था।

कौन हैं हसन मिन्हाज?

हसन मिन्हाज का जन्म अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में हुआ था। उनके माता-पिता उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से अमेरिका गए थे। इस समय हसन की उम्र 37 वर्ष की है। वह अमेरिका के प्रख्यात स्टैंडअप कॉमेडियन और टीवी कलाकार हैं।

हसन अमेरिका में काफी ज्यादा पॉपुलर हैं और उनके लाखों-करोड़ों फैन्स हैं। हसन को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने साक्षात्कार तक दिया है। हसन के यूट्यूब पर 16 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं। वह वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर ‘पैट्रियाट एक्ट’ नाम से एक शो करते थे।

नेटफ्लिक्स पर उनके इस शो की काफी माँग थी। यह शो वर्ष 2018 में चालू हुआ था, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान बंद हो गया था। इस शो के बंद होने पर इसके दर्शकों ने काफी दुख जताया था। मिन्हास अश्वेत और मुस्लिमों के साथ होने वाले अन्याय की कहानी भी बना कर पेश करते हैं।

मिन्हास की अधिकांश कॉमेडी उनके भारतीय मूल के होने, उनके अश्वेत होने और अमेरिकी राजनीति से सम्बंधित होती हैं। हसन इस कॉमेडी को दुःख भरी कहानियों की तरह पेश करते हैं, जिसमें हर बार उनके साथ अश्वेत और मुस्लिम होने के कारण भेदभाव होता है।

क्या-क्या दावे किए हसन ने?

हसन प्रधानमंत्री मोदी के धुर विरोधी हैं और हिंदू राष्ट्रवाद (Hindutva Nationalism) की आलोचना करते हैं। भारत द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने को लेकर साल 2019 के स्वतंत्रता दिवस के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर झूठ फैलाने का प्रयास किया था। इसको लेकर हसन की आलोचना भी हुई थी।

हसन ने मार्च 2019 में भारतीय चुनावों पर एक वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध प्रोपगैंडा फैलाया था। इसका भारत में काफी विरोध हुआ था और इसे हिन्दू विरोधी करार दिया गया था।

हसन ने एक शो में एक कहानी सुनाते हुए कहा था कि जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और सऊदी अरब द्वारा पत्रकार जमाल खासोज्जी की हत्या पर बात की तो उन्हें लोगों ने धमकियाँ दीं। इस वीडियो में दिखाया गया था कि उनके घर पर किसी ने एक लिफ़ाफ़े में कुछ पाउडर भेजा था।

हसन ने दावा किया था कि उनको भेजा गया पाउडर जहरीला था और वह खोलने के बाद धोखे से उनकी बेटी पर गिर गया, जिससे उनकी बेटी को अस्पताल ले जाना पड़ा था। हसन मिन्हास के इस दावे की अब पोल खुल गई है।

हसन के दावे की खुल गई पोल

हसन के इस दावे की जाँच अमेरिकी पत्रिका द न्यूयॉर्कर के पत्रकार क्लेयर मलोन ने की है। उन्होंने हसन से कई बार इस विषय में मुलाक़ात भी की और उनसे उनकी कहानियों के बारे में पूछा है।

क्लेयर मलोन से एक मुलाकात में मिन्हाज ने स्वीकार किया कि उनके घर पर जो पाउडर भेजा गया था वह हानिकारक नहीं था और बेटी पर उसके गिरने की कहानी भी फर्जी थी। मिन्हाज ने यह भी स्वीकार किया कि उनकी बेटी को अस्पताल नहीं ले जाना पड़ा था।

हसन मिन्हाज के खुद को पीड़ित एवं शोषित दिखाकर सांत्वना एवं लोकप्रियता बटोरने के मामले में मलोन ने खुलासा किया है। मिन्हाज से जब इस विषय में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह कहानी सुनाने के लिए अपने पास से व्यक्तियों और घटनाओं की कल्पना कर लेते हैं।

ऐसी ही एक अन्य कहानी पर भी मिन्हाज की पोल खुली है। मिन्हाज ने दावा किया था कि पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या के दिन वह सऊदी अरब के दूतावास में गए हुए थे और वहाँ के कर्मचारियों ने उनसे कहा था कि एक कॉमेडियन द्वारा आलोचना उन्हें पसंद नहीं आ रही।

मिन्हाज ने यह दावा किया था कि इस दौरान उन्हें दोस्तों और सहकर्मियों की ओर से लगातार मैसेज आ रहे थे कि वह ठीक तो हैं। इस घटना की सच्चाई भी अब सामने आ गई है।

क्लेयर मलोन द्वारा अब मिन्हाज के एक ऐसे करीबी व्यक्ति से पूछताछ की गई तो उसने सच बता दिया। इस व्यक्ति को मिन्हाज के कार्यक्रमों की जानकारी थी। उसने बताया कि मिन्हाज खशोज्जी की हत्या के एक महीने पहले सऊदी अरब के दूतावास गए थे।

गौरतलब है कि सऊदी मूल के अमेरिकी पत्रकार जमाल खसोज्जी की 2 अक्टूबर 2018 को तुर्की के शहर इस्तांबुल के सऊदी वाणिज्य दूतावास में हत्या हो गई थी। उन्हें सऊदी अरब की सुरक्षा एजेंसियों के एजेंट्स ने मार दिया था।

मिन्हाज के इस शो पर यह भी आरोप लगे कि इसमें महिलाओं के साथ भेदभाव होता था। इस शो को बनाने में सहायता करने वाली टीम के कुछ लोगों ने कहा कि मिन्हाज के शो में तथ्यों को जाँचा नहीं जाता था।

मिन्हाज की सच्चाई खुलने के बाद अब उनकी आलोचना हो रही है। कहा जा रहा है कि मिन्हाज ने अपनी झूठी दुःख भरी कहानियाँ सुना कर लोकप्रियता बटोरी है जो कि गलत है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया