बेगूसराय: बंदूक की नोक पर अगवा हिंदू नाबालिग लड़की 25 दिनों बाद पटना से बरामद, मुख्य आरोपित नजमुल फरार

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

बिहार के बेगूसराय से 26 जुलाई को बंदूक की नोक पर अगवा की गई हिंदू नाबालिग लड़की को बचा लिया गया है। बेगूसराय पुलिस ने बुधवार (19 अगस्त, 2020) सुबह नाबालिग लड़की को पटना से बरामद किया।

पिता को सुबह करीब साढ़े सात बजे बेगूसराय के बछवारा पुलिस थाने से फोन आया और सूचना मिली कि लड़की पटना में मिली है।

लड़की के पिता दिनेश ने ऑपइंडिया को बताया कि अपहरणकर्ताओं के गिरोह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं मुख्य आरोपित नजमुल अभी भी फरार है।

दिनेश कुमार पंडित ने बताया था कि एक महिला सहित 7 लोगों के एक गिरोह ने 26 जुलाई की शाम को उनकी बेटी का अपहरण कर लिया था। पीड़ित पिता ने मुख्य आरोपित इज़मुल खान उर्फ ​​नजमुल उर्फ ​​आर्यन और उसके साथी, मोहम्मद नरूल अंसारी, मोहम्मद मुनफ़र अंजुम अंसारी अलार चंद, फ़रत और अन्य लोगों के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई थी।

इस बीच, दिनेश ने पुष्टि की कि उन्होंने अपनी बेटी को अभी तक नहीं देखा है। बता दें नाबालिक हिंदू लड़की को बेगूसराय कोर्ट ले जाया गया है और उसके माता-पिता फिलहाल अपनी बेटी से मिलने के लिए जा रहे हैं।

बेगूसराय से नाबालिग हिंदू लड़की का अपहरण

गौरतलब है कि बिहार के बेगूसराय के बछवारा पुलिस थाने के अंतर्गत भिखम चक गाँव से गत 26 जुलाई को एक नाबालिग हिंदू लड़की को बंदूक की नोक पर उस समय अगवा कर लिया गया था, जब वह अपने पिता के साथ बाजार से लौट रही थी।

नाबालिग लड़की के पिता दिनेश ने आरोप लगाया था कि जब वह बेगूसराय जिले के मंसूरचक ब्लॉक में बेहरामपुर में पंचायत भवन को पार कर रहे थे, उसी वक्त मुख्य आरोपित नजमुल और एक महिला सहित सात लोगों ने एक बोलेरो कार में उसकी बेटी को जबरन बंदूक की नोक पर अगवा कर ले गए।

उल्लेखनीय है कि बेटी के अपहरण के मामले में पुलिस की उदासीनता के बारे में बताते हुए, दिनेश ने कहा था पुलिस उनकी शिकायतों पर विश्वास नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बेगूसराय के डीएसपी ने उनकी बातों को बेतुका करार दिया था। इसके अलावा पुलिस ने घटना को एक मनगढंत कहानी भी बताया।

जिसके बाद इस घटना पर ऑपइंडिया से बेगूसराय के डीएसपी ने कहा था, “आपको गलत जानकारी दी गई है। किसी भी नाबालिग लड़की का अपहरण नहीं हुआ। लड़की का लड़के के साथ प्रेम संबंध था।”

वहीं पहले हमनें आपको रिपोर्ट दी थी कि लड़की के नाबालिग होने के बावजूद, SHO ने पुष्टि की थी कि इस मामले में POCSO अधिनियम को लागू नहीं किया जाएगा और आरोपितों पर IPC की धारा 366, 323, 341, 379, 384 और 504 के तहत अपहरण और चोट पहुँचने का मामला दर्ज किया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया