प्रधानमंत्री को डिबेट के लिए चुनौती देने वाले राहुल गाँधी सदन में सरकार से एक भी सवाल नहीं पूछ पाए

राहुल गाँधी (फाइल फोटो)

16 वीं लोकसभा का अंतिम बजट सत्र खत्म हो गया है। विपक्ष के हो-हंगामे की वजह से संसद के दोनों ही सदनों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक 16 वीं लोकसभा कार्यकाल के दौरान सदन में राहुल गाँधी की उपस्थिति 52% रही है।

यही नहीं राहुल ने सदन के अंदर महज 14 चर्चाओं में ही हिस्सा लिया है। भले ही राहुल गाँधी प्रधानमंत्री मोदी को सामने आकर 15 मिनट डिबेट के लिए चुनौती पेश करते हों, लेकिन सच्चाई यह है कि सदन में पूरे कार्यकाल के दौरान राहुल ने सरकार से एक भी धारदार सवाल पूछने की हिम्मत नहीं की। यही नहीं, राहुल गाँधी सदन के अंदर एक भी प्राइवेट मेंबर बिल लेकर नहीं आए।

इस वीडियो में राहुल प्रधानमंत्री को डिबेट के लिए चुनौती दे रहे हैं

16 वीं लोकसभा के इस सत्र की समाप्ति के बाद सरकार के कामकाज और विपक्ष के सवाल के बारे में आकलन शुरू हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के दूसरे कार्यकाल की तुलना में भाजपा नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के कार्यकाल में प्रोडक्टिविटी अधिक रही है।

विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार ने जनता के हित में कई बिल को सदन में पास कराकर कानून का रूप दिया है। सरकार के प्रयास की वजह से लोकसभा में 156 और राज्यसभा में 118 बिल पास हुए। विपक्ष के विरोध के चलते लोकसभा में 46 व राज्यसभा में 33 बिल अटक गए।

इस तस्वीर के जरिए 15वीं और 16वीं लोकसभा के कामकाज को समझें

भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने सदन के अंदर सबसे अधिक 48 प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए। यही नहीं, उत्तर प्रदेश भाजपा के सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा और मुंबई नॉर्थ से भाजपा के सांसद गोपाल शेट्टी ने सदन में 100% उपस्थिति दर्ज कराई है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया