राहुल ने हमारी ज़मीनें हड़प रखी हैं, वो यहाँ के लायक नहीं: अमेठी में किसानों का प्रदर्शन

अमेठी में राहुल गांधी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन जारी (राहुल गाँधी की फाइल फोटो, ज़मीन पर बैठकर बातें करते हुए)

उत्तर प्रदेश में अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से राहुल गाँधी के लिए बुरी ख़बर आ रही है। यहाँ किसान बढ़-चढ़कर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही उनके ख़िलाफ़ नारेबाज़ी भी की जा रही है।

अमेठी जिले में बुधवार (जनवरी 23, 2019) को गौरीगंज इलाके में किसानों ने माँग करते हुए कहा कि या तो राजीव गाँधी महिला ट्रस्ट द्वारा किसानों की ज़मीनें वापस की जाए या फ़िर उन्हें रोज़गार प्रदान किए जाएँ।

बता दें कि राहुल गाँधी बुधवार को चुनाव प्रचार करने अमेठी पहुँचे थे। यहाँ पर संजय सिंह नाम के प्रदर्शन कर रहे एक व्यक्ति ने एएनआई को बताया, “हम लोग राहुल गाँधी से बहुत नाराज़ हैं। उन्हें इटली चले जाना चाहिए। वो यहाँ रहने के लायक नहीं हैं। राहुल ने हमारी ज़मीनें हड़प रखी हैं।”

किसानों द्वारा यह प्रदर्शन सम्राट साइकिल फैक्टरी के पास किया गया। इस फैक्टरी का उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी द्वारा उस समय किया गया था, जब वो अमेठी से सांसद थे।

इस पूरे प्रकरण को समझने के लिए 80 के दशक में जाना होगा। उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएसआईडीसी) ने 1984 में सम्राट साइकिल फैक्टरी के लिए किसानों से 65.57 एकड़ जमीन ली थी। शर्त यह थी कि जिन किसानों की जमीन ली गई हैं, उन्हें रोज़गार दिया जाएगा। 1988-89 में जब कंपनी बंद हो गई तो किसानों का रोज़गार भी चला गया। कर्ज़ वसूलने के लिए 2014 में इसे नीलाम किया गया। नीलामी से ₹20.10 करोड़ की वसूली हुई।

इस नीलामी प्रक्रिया में खरीदी गई जमीन का भुगतान राजीव गाँधी महिला ट्रस्ट द्वारा किया गया। हालाँकि बाद में नीलामी की पूरी प्रक्रिया को यूपीएसआईडीसी द्वारा अवैध करार दिया गया। इसके बाद गौरीगंज एसडीएम कोर्ट ने सम्राट साइकिल फैक्टरी की जमीन को यूपीएसआईडीसी को लौटाने का आदेश दिया।

कोर्ट के आदेश के बावजूद और इस ज़मीन के सभी कागज़ात यूपीएसआईडीसी के पास होने पर भी इस पर राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा कब्ज़ा हो रखा है।

जानकारी के लिए बता दें कि कुछ समय पहले केन्द्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने भी राहुल गाँधी पर इल्ज़ाम लगाए थे कि वो फाउंडेशन के नाम पर किसानों की ज़मीनें हड़प रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया