देश में पहली बार मेमोरी चिप्स का उत्पादन: ‘सहस्र’ ने ‘मेक इन इंडिया’ के लिए किया ₹350 करोड़ का निवेश, सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर भारत

सेमीकंडक्टर चिप (प्रतीकात्मक तस्वीर: moneycontrol)

भारत की पहली सेमीकंडक्टर उत्पादन कंपनी होने का गौरव प्राप्त किया है ‘सहस्र सेमीकंडक्टर्स’ ने। इस कंपनी ने चिप्स का उत्पादन भी शुरू कर दिया है। राजस्थान की कंपनी ‘सहस्र सेमीकंडक्टर्स’ ने भारत में मेमोरी चिप्स का उत्पादन शुरू कर दिया है। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि इससे देश को मेमोरी चिप्स के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

‘सहस्र सेमीकंडक्टर्स’ की भिवाड़ी, राजस्थान में एक असेंबली, टेस्टिंग और पैकेजिंग यूनिट है। इस सुविधा में इस महीने की शुरुआत में उत्पादन शुरू हो गया। ‘सहस्र सेमीकंडक्टर्स’ ने शुरू में माइक्रोएसडी कार्ड, चिप-ऑन-बोर्ड और माइक्रोएसडी कार्ड जैसे उत्पादों के लिए मेमोरी चिप्स का उत्पादन शुरू किया है।

कंपनी कर रही है 350 करोड़ रुपए का निवेश

इस महीने की शुरुआत में मनीकंट्रोल से बातचीत में सहस्र के सीईओ वरुण मनवानी ने कहा कि कंपनी के लिए पहले चरण के हिस्से के रूप में शुरुआती निवेश लगभग 350 करोड़ रुपए है। इसमें से कंपनी प्लांट और मशीनरी के लिए 160 करोड़ रुपए पहले ही दे चुकी है। निवेश का दूसरा चरण लगभग 190 करोड़ रुपए होने का अनुमान है और यह दो से तीन साल की अवधि में फैला होगा।

इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत में सहस्र के प्रबंध निदेशक अमृत मनवानी ने कहा कि कंपनी ने “मेड-इन-इंडिया” माइक्रो-एसडी कार्ड बेचने वाली पहली कंपनी होने का गौरव हासिल किया है और उनके उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर शानदार प्रतिक्रिया मिली है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण केंद्र की दिशा में आगे बढ़ने की पर्याप्त क्षमताएं हैं। उन्होंने आशा जताई कि भारत तेजी से इस दिशा में आगे बढ़ेगा। भारत ने जापान के साथ मिलकर इस दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। इसके लिए मेमोरेंडम पर भी साइन किया जा चुका है।

अमेरिकी कंपनी कर रही भारत में 22.540 करोड़ का निवेश

इससे पहले, इस जून की शुरुआत में अमेरिका स्थित मेमोरी चिप दिग्गज माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने गुजरात में सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा स्थापित करने की अपनी योजना की घोषणा की। माइक्रोन भारत में कुल 22,540 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली है।

इन वजहों से भारत को मिल रही सफलता

सरकार का समर्थन: भारत सरकार ने मेमोरी चिप्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियों और कार्यक्रमों की घोषणा की है। इन नीतियों और कार्यक्रमों ने ‘सहस्र सेमीकंडक्टर्स’ जैसी कंपनियों को भारत में मेमोरी चिप्स का उत्पादन शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी: ‘सहस्र सेमीकंडक्टर्स’ ने जापानी कंपनी रेनॉल्ड से प्रौद्योगिकी लाइसेंस प्राप्त किया है। यह प्रौद्योगिकी दुनिया की सबसे उन्नत मेमोरी चिप्स में से कुछ का उत्पादन करने में सक्षम है।

प्रतिभाशाली टीम: ‘सहस्र सेमीकंडक्टर्स’ के पास एक अनुभवी और प्रतिभाशाली टीम है। इस टीम ने भारत में मेमोरी चिप्स के उत्पादन को शुरू करने के लिए कड़ी मेहनत की है।

सहस्र सेमीकंडक्टर्स की सफलता से सकारात्मक प्रभाव

मेमोरी चिप्स के आयात में कमी: भारत मेमोरी चिप्स का एक बड़ा आयातक है। सहस्रा सेमीकंडक्टर्स की सफलता से भारत को मेमोरी चिप्स के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

रोजगार सृजन: सहस्र सेमीकंडक्टर्स ने भारत में हजारों लोगों को रोजगार दिया है। कंपनी का विस्तार होने से और अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

आर्थिक विकास: मेमोरी चिप्स एक महत्वपूर्ण उद्योग है। सहस्र सेमीकंडक्टर्स की सफलता से भारत के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

सहस्र सेमीकंडक्टर्स की सफलता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह देश के लिए आर्थिक और तकनीकी विकास के अवसर पैदा करेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया