21 साल के यूसुफ को जेल: इंग्लैंड के लेस्टर में हिंदुओं पर हमले के समय हाथ में था चाकू – 2 दिन में दूसरी सजा

लेस्टर हिंसा: 21 वर्षीय एडम यूसुफ को चाकू ले जाने पर सजा (फोटो साभार: The Guardian)

इंग्लैंड के लेस्टर (Leicester) शहर में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू लोगों पर हमला करने के मामले में एडम यूसुफ (Adam Yusuf) नाम के शख्स को एक साल की सजा सुनाई गई है। रविवार (18 सितंबर 2022) को लेस्टर में हिंदू लोगों पर हमले (मेनस्ट्रीम मीडिया इसे प्रदर्शन बता रही) में चाकू ले जाने का जुर्म कबूल करने के बाद 21 वर्षीय यूसुफ को लेस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने एक साल की जेल की सजा दी है। इस मामले में 2 दिन में सुनाई गई यह दूसरी सजा है।

पुलिस का कहना है कि शहर में अशांति फैलाने के आरोप में 28 अगस्त से अब तक 47 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से दो लोगों को शनिवार (17 सितंबर 2022 ) और रविवार (18 सितंबर 2022) को गिरफ्तार किया गया था। लेस्टर पुलिस ने सोमवार (19 सितंबर 2022) को ट्वीट कर यह जानकारी दी।

लेस्टर (Leicester) पुलिस ने अपने ट्वीट के साथ एक लिंक शेयर करते हुए लिखा, “पूर्वी लेस्टर शहर में फैली अशांति को लेकर लेटेस्ट अपडेट। अब तक इस मामले में कुल 47 गिरफ्तारियाँ की जा चुकी हैं। अगर आपने इस घटना के बारे में कुछ सुना है या फिर इससे सम्बंधित कोई और जानकारी आपके पास है, तो आप इसे हमारे रिपोर्ट लिंक के माध्यम से सबमिट कर सकते हैं।”

लेस्टर पुलिस के चीफ कॉन्स्टेबल रॉब निक्सन ने बीबीसी को बताया, “शहर में हिंसा भड़काने की सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया है।” लोगों पर हमले और धार्मिक स्थलों पर हमले को लेकर उन्होंने कहा, “वहाँ कुछ चीजों को लेकर झूठ फैलाया गया है।”

लेस्टर पुलिस ने लोगों से अनुरोध किया कि अगर वे सोशल मीडिया पर लेस्टर से जुड़ी खबरें देख रहे हैं और वे इसकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं, तो कृपया इसे शेयर न करें। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि लोग क्या कर रहे हैं। वे सोशल मीडिया की फर्जी खबरों को आगे शेयर कर रहे हैं। इसकी वजह से यहाँ हालात और खराब हो रहे हैं और लोगों में डर बढ़ रहा है।”

निक्सन ने कहा, “गिरफ्तारी आगे भी जारी रहेगी। हमारे पास लगभग 50-जाँच दल है, जो इन असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कस रहा है। हम लोगों की पहचान करना शुरू कर रहे हैं। 17 सितंबर 2022 को इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं के समूह पर हमले को रोकने के दौरान 25 अधिकारी और पुलिस का एक कुत्ता घायल हो गया था।

आपको बता दें कि इससे पहले शहर में फैली अशांति के मामले में 20 वर्षीय ऐमॉस नोरोन्हा (Amos Noronha) को प्रतिबंधित हथियार रखने का दोषी पाया गया था। ऐमॉस नोरोन्हा को सोमवार (20 सितंबर 2022) को 10 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी।

हिंदुओं पर ही हमला, हिंदू ही हमलावर: मीडिया का प्रोपेगेंडा

प्रत्यक्षदर्शी दिशिता सोलंकी ने लेस्टर शहर में हुई हिंसा पर मीडिया कवरेज को लेकर सवाल उठाते हुए कहा था, “क्या इस दौरान मीडिया कवरेज निष्पक्ष रहा है। मुझे लगता है कि रिपोर्टिंग ईमानदारी से होनी चाहिए, जो अब तक यहाँ देखने को नहीं मिली है। मैं कह सकती हूँ कि यहाँ रिपोर्टिंग हिंदू विरोधी रही है।”

उन्होंने बताया कि इंग्लैंड की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हिंदू ही हमला कर रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शी होने के नाते दिशिता सोलंकी ने बताया कि उन्होंने सब कुछ अपनी आँखों से देखा है। जितना वो देखीं और जैसी रिपोर्टिंग हो रही, दोनों में उनको फर्क दिखा। उन्होंने खुल कर कहा कि वो महसूस कर रही हैं कि इस मामले पर की जा रही रिपोर्टिंग पूरी तरह से हिंदू विरोधी है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया