अफगानिस्तान के प्रोफ़ेसर ने लाइव शो में फाड़ डाली अपनी डिग्रियाँ, महिलाओं की शिक्षा पर तालिबान के बैन का किया विरोध

अपनी डिग्रियाँ फाड़ते अफगानी प्रोफ़ेसर (वीडियो स्क्रीनशॉट साभार: @NasimiShabnam)

अफगानिस्तान में लड़कियों की उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके विरोध में मुल्क के एक प्रोफेसर ने लाइव शो के दौरान अपनी डिग्रियाँ फाड़ दी। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में अफगानी प्रोफ़ेसर लड़कियों की शिक्षा पर लगाई गई पाबंदी के खिलाफ अपने गुस्से का इज़हार करते हैं और लाइव शो के दौरान ही अपनी डिप्लोमा-डिग्री को फाड़ देते हैं।

अफगानिस्तान रिसेटलमेंट प्रोग्राम की पूर्व पॉलिसी एडवाइजर शबनम नसीमी ने अपने ट्विटर पर टीवी प्रोग्राम का वीडियो शेयर किया है। वह वीडियो के कैप्शन में लिखती हैं, ”एक आश्चर्यजनक फुटेज में अफगानिस्तान के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लाइव टीवी पर अपने डिप्लोमा को फाड़ देते हैं। वह कहते हैं कि आज से मुझे इन डिप्लोमा की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इस देश में शिक्षा के लिए कोई जगह नहीं है। अगर मेरी बहन और मेरी माँ पढ़ नहीं सकती हैं, तो मैं इस शिक्षा को स्वीकार नहीं करूँगा। वीडियो में देखा जा सकता है कि डिग्रियाँ फाड़ते वक्त अफगानी प्रोफ़ेसर भावुक हो जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद उदार शासन देने का वादा किया था। हालाँकि, ऐसा होता दिख नहीं रहा है। तालिबान इस बार अपनी शासन की शुरुआत के बाद से ही लड़कियों की शिक्षा और पहनावे को लेकर सख्त रहा है और अब उसने लड़कियों की उच्च शिक्षा पर पूरी तरह पाबंदी ही लगा दी। वहीं अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्री निदा मोहम्मद नदीम का कहना है कि विश्वविद्यालयों में लड़के-लड़कियों के मेल जोल को रोकने के लिए यह प्रतिबंध जरूरी था।

अफगानिस्तान के एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में कुछ ऐसे विषय पढ़ाए जा रहे थे, जो इस्लाम के खिलाफ हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़कियों के विश्वविद्यालयों में लगे प्रतिबंध के लिए कई और कारण बताए गए हैं। बताया गया है कि छात्राएँ तालिबानी ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रहीं थीं। छात्राएँ इस तरह सज-धज कर पढ़ने जाती थीं मानो शादी समारोह में जा रही हैं। तालिबान का कहना है कि यूनिवर्सिटी में औरतें और मर्द स्वतंत्र रूप से मिल रहे थे। तालिबान सरकार के फैसले पर दुनिया भर में हो रही आलोचना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह अफगानिस्तान का निजी मामला है और इसमें दूसरे देशों को दखल नहीं देना चाहिए।

बता दें, छात्राओं की शिक्षा पर लगाई गई पाबंदी का वहाँ के छात्रों और प्रोफ़ेसर ने भी विरोध किया है। कई छात्र अपनी सहपाठी छात्राओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कक्षाओं से बाहर निकल गए। वहीं विश्वविद्यालयों में पढ़ाने वाले लगभग 60 प्रोफेसरों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया