जिस ‘बनियान’ को पहन फटते हैं इस्लामी फिदायीन, उसे तालिबान ने टीवी पर दिखाया: हथियारों की भी नुमाइश

दुनिया को अपनी ताकत दिखाने को बेताब है तालिबान

अफगानिस्तान में शासन मिलते ही तालिबान दुनिया को अपनी ताकत दिखाने को बेताब है। अपने गढ़ कंधार की सड़कों पर ‘विक्ट्री लैप’ के दौरान ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टरों की नुमाइश के बाद उसने सैन्य ताकत दिखाने के लिए एक और परेड आयोजित की है।

बुधवार ( 1 सितंबर 2021) को तालिबान ने अमेरिका समर्थित अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सरकार के पतन के बाद लूटे गए हथियारों का प्रदर्शन करने के लिए विजय परेड निकाली। इस दौरान उसने अपने आत्मघाती बेल्ट, कार बम, बैरल बम व अन्य विस्फोटकों सहित हथियारों का प्रदर्शन किया। अफगानिस्तान के सरकारी चैनल रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान (आरटीए) पर इसका प्रसारण किया गया।

परेड के दौरान तालिबान ने हल्के हथियार, भारी हथियार, पीले बैरल और कार बम भी प्रदर्शित किए। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि इन हथियारों का इस्तेमाल अपनी आजादी और देश के खतरों से निपटने के लिए किया जाएगा।

https://twitter.com/TajudenSoroush/status/1433375517588303873?ref_src=twsrc%5Etfw

ईरानी पत्रकार तजुदेन सोरौश द्वारा साझा किए गए एक अन्य वीडियो में तालिबान लड़ाके अपने कराटे कौशल से तालिबान के बुजुर्ग मुजाहिदीन नेताओं को प्रभावित करते देखे गए।

https://twitter.com/TajudenSoroush/status/1433386759447064577?ref_src=twsrc%5Etfw

तालिबान जिन हथियारों की नुमाइश कर रहा वे अफगान बलों से लूटे गए थे। अफगान सरकार के पतन के बाद अधिकतर फौजियों ने या तो सरेंडर कर दिया था या फिर वे जान बचाकर भाग गए थे। इसके बाद उनके हथियारों पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था।

31 अगस्त को जब अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ा था तो उसने करीब 80 बिलियन डॉलर (58,45,56,00,00,00 रपए) का सामान यहाँ छोड़ दिया था। इसके अलावा अमेरिका ने 2003 से अफगान बलों को 16,000 से अधिक नाइट-विज़न गॉगल डिवाइस, 600,000 पैदल सेना के हथियार, जिनमें M16 असॉल्ट राइफल और 162,000 संचार उपकरण प्रदान किए थे।

अमेरिकी बलों के जाने के बाद राइफल, मशीनगन, पिस्तौल, ग्रेनेड लाँचर और आरपीजी जैसे 6 लाख से अधिक छोटे हथियार तालिबान लड़ाकों के हाथों में पड़ गए हैं। इसके अलावा, तालिबान ने सर्विलांस सिस्टम, रेडियो सिस्टम, ड्रोन आदि सुरक्षित कर लिया है, जिससे यह दुनिया में भारी हथियारों से लड़ने वाली इकाइयों में से एक बन गया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया