‘हिन्दू क्रूरता’ का सामना करने के लिए एक हों: अलकायदा का कश्मीर में जिहाद का ऐलान

ओसामा बिन लादेन का उत्तराधिकारी है अल-ज़वाहिरी

अलकायदा की नज़र अब भारत पर टिकी हुई है। ओसामा बिन लादेन के उत्तराधिकारी अल जवाहिरी ने जम्मू कश्मीर में जिहाद के लिए एकता बनाने की अपील की है। दुनिया के सबसे खूँखार आतंकवादियों में से एक माने जाने वाले जवाहिरी ने कहा कि कश्मीर की आज़ादी के लिए अब पाकिस्तान की फौज पर भरोसा नहीं किया सकता, इसीलिए ‘हिन्दू क्रूरता’ का सामना करने के लिए आतंकियों को एक होकर कश्मीर के लिए लड़ना पड़ेगा। इसके साथ ही यह साफ़ हो गया है कि अलकायदा अब भारतीय सेना से सीधे उलझने के मूड में है।

अपने वीडियो मैसेज ‘कश्मीर को न भूलें’ में जवाहिरी ने कहा कि कश्मीर में मुजाहिदीन की ज़रूरत है। उसने सेना व सरकार के ख़िलाफ़ ज़ंग छेड़ने की बात कही है। उसने भारत की सेना को निशाना बनाते हुए अर्थव्यवस्था को तबाह करने की धमकी दी है। जवाहिरी की इस वीडियो में कश्मीर में आतंकी सगठन का सरगना रहे ज़ाकिर मूसा की तस्वीर भी दिखती है। ज़वाहिरी ने पाकिस्तानी सेना को अमेरिका का पिट्ठू बताया।

जवाहिरी ने कहा कि कश्मीर में चल रहे संघर्ष को अलग कर के नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि यह पूरे विश्व में मुस्लिमों के द्वारा ‘बड़ी ताक़तों’ के ख़िलाफ़ चलाए जा रहे जिहाद के अंतर्गत ही आता है। साथ ही जवाहिरी ने आतंकियों को यह हिदायत भी दी कि मस्जिदों व मुस्लिम बहुल स्थलों को निशाना न बनाएँ। ज़वाहिरी ने कहा कि पाकिस्तान जिहादियों का इस्तेमाल अपना राजनीतिक हित साधने के लिए करता है और बाद में धोखा दे देता है।

https://twitter.com/AdityaRajKaul/status/1148850269536436224?ref_src=twsrc%5Etfw

बता दें कि 2017 में अल कायदा ने ‘उपमहाद्वीप के मुजाहिदीनों के लिए आचार संहिता’ नाम से एक विस्तृत दस्तावेज जारी किया था, जिसमें यह बताया गया था कि आतंकी संगठन किन-किन लोगों को निशाना बनाएगा? इस दस्तावेज में लक्ष्य से लेकर प्रक्रिया तक, सबकुछ समझाया गया था। अलकायदा ने सेना के अधिकारियों पर जानलेवा हमले करने की बात कही थी। आतंकी संगठन ने कहा था कि सेना में जिस अधिकारी का रैंक जितना ऊपर होगा, वो उनके उतने ही ज्यादा निशाने पर होगा।

अलकायदा ने वॉर जोन से लेकर सेना के अधिकारियों के घरों तक, हर जगह उन्हें निशाना बनाने की बात कही थी। आतंकी संगठन ने कहा था कि सेना के जवान अगर छुट्टियों पर गए हों तब भी उन्हें नहीं बख्शा जाएगा, क्योंकि वे शरिया क़ानून को लागू करने के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रहे हैं। साथ ही सेना के हाथ कश्मीरियों के ख़ून से रंगे होने की बात भी कही गई थी। इस दस्तावेज में कश्मीर का जिक्र कई बार आया था, तभी से यह अंदेशा लगाया जा रहा था कि कश्मीर पर अल जवाहिरी की नज़र है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया