बच्चा था मानसिक रूप से परेशान, माँ कर रही थी होटल में ‘सेक्स पार्टी’: अमेरिका के स्कूल में 4 बच्चों की हत्या करने वाले नाबालिग की माँ पर केस, 60 साल की हो सकती है सजा

कोर्ट में आरोपित (फोटो साभार : डेलीमेल)

अमेरिका के मिशिगन राज्य में एक ऐतिहासिक मुकदमा शुरू हुआ है, जिसमें एक स्कूली लड़के द्वारा किए गए जघन्य अपराध के लिए उसके माता-पिता को दोषी माना जा सकता है। अमेरिका में 15 साल के एथन क्रम्बली ने 30 नवंबर 2021 को मिशिगन के ऑक्सफोर्ड हाई स्कूल में चार छात्रों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में उसकी माँ को 60 साल तक की सजा हो सकती है।

इस मामले में अब एथन क्रम्बली की 45 वर्षीय माता जेनिफर और 47 वर्षीय पिता जेम्स क्रम्बली पर लापरवाही समेत अन्य आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट में ये बात भी कही गई कि एथन से ज्यादा इन हत्याओं के लिए उसके माता-पिता जिम्मेदार हैं। एथन ने ऑक्सफोर्ड हाई स्कूल में 11 लोगों को गोली मारी थी, जिनमें चार लोगों की मौत हो गई थी।

सेक्स पार्टीज के चक्कर में बेटे का नहीं रखा ध्यान!

बहस के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि भले ही एथन ने गोली चलाई हो, लेकिन ट्रिगर पर उंगलियाँ उसके माता-पिता की थीं। उन्होंने एथन की छोटी-मोटी बातों का भी ध्यान नहीं रखा। एथन मानसिक रूप से परेशान था, फिर भी उसे स्कूल जाने दिया गया। उसके पिता जेम्स पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने गन का लॉक खुला रखा था। इस मामले में जेम्स के खिलाफ इस साल मार्च में अलग से ट्रायल चलेगा।

इस मुकदमे की बहस के दौरान ब्रायन मेलोची नाम शख्स ने गवाही दी कि घटना के समय वह एथन की माँ जेनिफर के साथ होटल में ‘सेक्स पार्टी’ कर रहा था। उसकी जेनिफर से मुलाकात एक एडल्ट डेटिंग ऐप ‘एडल्ट फ्रेंड फाइंडर’ जरिए हुई थी। हालाँकि, जेनिफर ने कहा कि वो बिजनेस के सिलसिले में होटल गई थी। वहीं, उसकी मुलाकात हुई।

जेनिफर के वकील ने कहा कि उसकी क्लाइंट को ये नहीं पता था कि वो बच्चों को मारने के लिए स्कूल गया है या वो ऐसा कोई कदम भी उठा सकता था। वो सिर्फ 15 साल के लड़के की माँ थी, जिसे ये नहीं पता था कि उसके बेटे के दिमाग में क्या चल रहा है। जेनिफर ने कोर्ट में कहा कि उसके बेटे ने 4 बच्चों की जगह अपने माता-पिता यानी उन्हें ही मार देता। उसकी वजह से सब कुछ नष्ट हो गया।

इस मामले में एथन क्रम्बले को पहले ही हत्या का दोषी ठहराया जा चुका है। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। नाबालिग होते हुए भी उसे इस जघन्य नरसंहार का दोषी माना गया। उम्रकैद के दौरान उसे परोल मिलने की संभावना भी बेहद कम है। उसने जब वारदात को अंजाम दिया था, तब उसकी उम्र 15 वर्ष थी और 17 साल की उम्र में उसे सजा सुनाई गई।

यह मुकदमा अमेरिका में एक बड़ा उदाहरण स्थापित कर सकता है। यदि जेनिफर और जेम्स क्रम्बली को दोषी ठहराया जाता है तो यह अन्य माता-पिता के लिए भी एक चेतावनी होगी, जो अपने बच्चों का ध्यान नहीं रखते और उसकी हिंसक प्रवृत्तियों को नजरअंदाज करते हैं। इस मुकदमे का परिणाम अमेरिका में बंदूक नियंत्रण और बाल सुरक्षा नीतियों को प्रभावित कर सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया