खालिस्तानियों के खिलाफ एक्शन में ऑस्ट्रेलिया की पुलिस, 2 महीने तक थी चुप: प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियन पीएम के सामने उठाया था मुद्दा

पीएम मोदी के मामला उठाने के बाद खालिस्तानियों पर कार्रवाई

ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में खालिस्तान रेफरेंडम के नाम पर हुई हिंसा मामले में अब विक्टोरिया पुलिस ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। 2 महीने पुराने मामले में विक्टोरिया पुलिस ने अचानक उपद्रवियों की तस्वीरें जारी करके उनकी पहचान के लिए लोगों से मदद माँगी। ये एक्शन पीएम मोदी द्वारा ऑस्ट्रलियाई पीएम के सामने भारत विरोधी हिंसा का मामला उठाने के बाद लिया गया।

विक्टोरिया पुलिस ने अपने ट्वीट में लिखा कि 29 जनवरी को खालिस्तान रेफरेंडम के दौरान जो उपद्रव हुआ उसमें शामिल 6 लोगों को पकड़ने में हमारी सहायता करें। 20 मार्च को जारी रिलीज में पुलिस ने बताया कि कैसे 29 जनवरी को जनमत संग्रह के लिए इकट्ठा हुई भीड़ हिंसक हुई। उन्होंने झंडों के डंडों का प्रयोग हथियार की तरह किया जिसमें कई घायल हुए। इसके अलावा उस दिन भारतीय ध्वज को जलाने की घटना भी सामने आई थी।

पुलिस के मुताबिक उन्होने इस मामले में कार्रवाई करके उपद्रवियों को शांत करवा दिया था और दो लोग गिरफ्तार हुए थे। अब बाकी 6 को ढूँढने के लिए तलाश जारी है। पुलिस ने कहा कि अगर किसी को भी इनके बारे में पता हो तो वो 1800 333 000 पर सूचना दें।

खालिस्तानियों के खिलाफ लोग कर रहे ऑस्ट्रेलिया पुलिस की मदद)

विक्टोरिया पुलिस की इस अपील के बाद लोग आगे आकर सोशल मीडिया के जरिए पुलिस की मदद करने की कोशि कर रहे हैं। कोई हिंसक तत्वों की फोटो जारी कर रहा है। तो कोई ये कह रहा है कि अगर इनपर 50 डॉलर जितना छोटा इनाम भी रख दिया जाए तो ये लोग पकड़ में आ जाएँगे।

कुछ लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या ऑस्ट्रेलिया सरकार पर फेशियल आईडी रिकॉर्ड नहीं हैं कि चेहरे से उनकी पहचान पता चल जाए। अगर ये पकड़ में नहीं आ रहे तो इनके रिश्तेदारों को पकड़ा जाना चाहिए।

पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया पीएम के आगे उठाया मुद्दा

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भारत आए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानी तत्वों द्वारा हिंदू मंदिरों पर हमले का मुद्दे को उठाया था। उन्होंने इस संबंध में बताया था, “मैंने ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले की खबरें देखी हैं। मैंने पीएम अल्बनीज को इस बात से अवगत करा दिया है और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय की सुरक्षा और भलाई उनके लिए प्राथमिकता है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया