चर्च पर चढ़ कर सैनिक ने लगाया ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा, अर्मेनिया में चर्चों की तबाही का सिलसिला तेज

चर्च के ऊपर चढ़ कर इस्लामी नारे लगता व्यक्ति

रूस की पहल के बाद अजरबैजान और अर्मेनिया के बीच युद्ध पर भले ही विराम लग गया हो, लेकिन वहाँ अभी भी युद्ध और तनाव जैसी स्थिति बनी हुई है। अब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें अजरबैजान का एक सैनिक चर्च के ऊपर चढ़ कर ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाते हुए देखा जा सकता है। ये वीडियो करबाख का बताया जा रहा है, जहाँ कई महीनों से युद्ध चल रहा था।

बता दें कि जहाँ अजरबैजान इस्लामी मुल्क है, अर्मेनिया में ईसाईयों की जनसंख्या ज्यादा है। वीडियो में कई अन्य लोग भी दिख रहे हैं, जो चर्च के ऊपर चढ़े अजरबैजान के सैनिक के ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे के बाद पीछे से उसे दोहराते हुए उसका समर्थन करते हैं। कहा जा रहा है कि इसे करबाख के एक शहर में शूट किया गया, जिस पर अजरबैजान के सैनिकों ने फ़िलहाल कब्ज़ा कर के रखा हुआ है।

https://twitter.com/Kal_Chiron/status/1327823779377020928?ref_src=twsrc%5Etfw

उक्त व्यक्ति ने चर्च के ऊपर चढ़ कर कई बार ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगाया। इससे पहले सुशी नामक अर्मेनिया के शहर के एक चर्च को तबाह किए जाने के बाद की एक तस्वीर वायरल हो गई थी, जिसके बारे में बताया गया था कि इस्लामी कट्टरवादी चर्चों को इसीलिए निशाना बना रहे हैं, क्योंकि अर्मेनिया ने एक इस्लामी मुल्क के साथ युद्ध किया। तुर्की जैसे देशों ने भी खुल कर अजरबैजान का समर्थन किया और उसे उकसाया।

https://twitter.com/tbalayan/status/1327676346315706369?ref_src=twsrc%5Etfw

इससे पहले अजरबैजान के नेतृत्व ने घोषणा की थी कि वो करबाख में न सिर्फ अर्मेनिया के लोगों की रक्षा करेंगे, बल्कि उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा का भी जिम्मा उठाएँगे। लेकिन, अब जिस तरह से वहाँ चर्चों को तबाह करने का सिलसिला चल निकला है, उससे लगता है कि उनकी सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। कई ईसाई संगठनों ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

बता दें कि इधर आर्मेनियन असेंबली ऑफ अमेरिका ने भी अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बायडेन को बधाई देते हुए माँग की है कि अमेरिका में अजरबैजान और तुर्की के प्रभाव को लेकर जाँच बिठाई जाए। उसने ISIS के साथ तुर्की के गठबंधन के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि क्षेत्र में अशांति के लिए तुर्की ही जिम्मेदार है और उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। अमेरिका में आर्मेनिया के नागरिकों ने भी तुर्की पर शिकंजा कसने की माँग की है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया