‘तारे ज़मीन पर’ वाला 14 साल का बच्चा… कट्टर मुस्लिमों के कारण जान बचा कर घर से भागना पड़ा, कुरान बना कारण

ब्रिटेन के स्कूल के बाहर कट्टरपंथियों का प्रदर्शन और शरिया अदालत (साभार: डेली मेल)

इंग्लैंड के वेस्ट यॉर्कशायर (West Yorkshire) के वेकफील्ड (Wakefield) स्थित स्कूल में हाथ से कुरान की कॉपी गिर जाने पर इस्लामवादी एक किशोर हत्या की धमकी दे रहे हैं। धमकी के कारण बच्चे को अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर भागना पड़ा है। घटना को ईशनिंदा बताकर कट्टरपंथियों द्वारा मस्जिद में शरिया कोर्ट लगाई गई और उसमें लड़के की माँ हाजिर होकर माफी भी माँगी। हालाँकि, यह भी काम नहीं आ रहा है।

वहीं, ब्रिटेन के स्कूल मामलों के मंत्री निक गिब ने निंदा की है। पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है। ब्रिटेन की गृृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने इस मामले पर कहा कि जिस तरह से इस घटना को हैंडल किया जा रहा, इससे वह चिंतित हैं। हालाँकि, लड़के की माँ ने पुलिस से इस मामले में मुकदमा नहीं चलाने की अपील की। बच्चे की माँ का कहना है कि इससे यह मामला दबने के बजाय और भड़केगा।

उन चारों किशोरों में एक बच्चे के शिक्षक माता-पिता ने कहा कि यह ‘मध्ययुगीन शिकार करने’ जैसा लगता है। चैरिटी ह्यूमनिस्ट्स यूके ने स्थिति को ‘भयावह’ कहा और दावा किया कि स्कूल ने ‘जल्दबाजी में काम किया’। चैरिटी समूह ने कहा कि धार्मिक समूहों के प्रति सम्मान में अत्यधिक अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। एक इस्लामी लेखक ने कहा कि यह यह ईरान या पाकिस्तान में होने वाली स्थिति से कहीं अधिक भयावह है।

यूरोपियन यूनियन के पूर्व सदस्य और ब्रिटिश पत्रकार मार्टिन डाउनी ने बताया कि इस घटना को ईशनिंदा बताकर कट्टरपंथियों ने स्थानीय मस्जिद में शरिया अदालत भी लगाई थी। इसमें एक स्वतंत्र काउंसलर ने जज की भूमिका निभाई और स्थानीय पुलिस चीफ भी मौजूद रहे। शरिया अदालत में बच्चे की माँ की तारीफ की गई। वहीं, बच्चे को दी गई मौत की धमकियों को ये कहकर खारिज कर दिया कि ये भावनाओं के उमड़ने की वजह से हुआ। खास बात ये है कि बच्चे को मौत की धमकियाँ मिलने के बावजूद भी माँ ने शिकायत दर्ज नहीं कराई।

इतना ही नहीं, स्कूल प्रशासन ने वेकफील्ड की जामिया मस्जिद स्वाफिया मस्जिद के इमाम हाफिज मुहम्मद मतीन अनवर, मध्यस्थ एवं स्वतंत्र पार्षद अकीफ अकबर के साथ स्कूल गए थे। वहाँ जाकर उन्होंने निरीक्षण किया कि कुरान का को अपवित्र किया गया था या नहीं। हालाँकि, इमाम ने उस दौरान मामला खत्म करने की कोशिश के तौर पर दिखाने की कोशिश की और मुस्लिमों को शांत रहने के लिए कहा। हालाँकि, मुस्लिम शांत करने के लिए तैयार नहीं हैं।

इस दौरान लड़के की माँ बोली, “आज मुझे यहाँ आने देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। मुझे पता है कि मेरे बेटे ने जो किया है वह अपमानजनक है। उसका कोई दुर्भावनापूर्ण इरादा नहीं था लेकिन वह 14 साल का एक बहुत ही मूर्ख लड़का है। ऑटिज्म के कारण जो यह हुआ, उसके कारण उसने बुधवार दोपहर से खाना नहीं खाया है। इसने उसकी चिंता को उस स्तर पर डाल दिया जहां वह खुद के पास है। उन्हें बहुत, बहुत खेद है।”

बता दें कि ऑटिज्म एक मानसिक विकार (Mental Disorder) है, जिससे पीड़ित बच्चे का उपयुक्त मानसिक विकास नहीं हो पाता है। उनमें बातचीत करने और चीजों को जल्दी समझने की क्षमता कम होती है। वे किसी भी तरह के बदलाव को बर्दाश्त नहीं करते हैं।

इस घटना को लेकर यूरोपियन यूनियन के पूर्व सदस्य और ब्रिटिश पत्रकार मार्टिन डाउनी ने विस्तार से ट्वीट किया था। मार्टिन डाउनी ने लिखा कि शरिया अदालत में सुनवाई के दौरान जज के बयान से स्थानीय इमाम सहमत नजर आया। ट्वीट किए गए वीडियो में इमाम कह रहा है कि ‘हम पवित्र कुरान का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके लिए हम अपनी जान दे देंगे।’ जब इमाम ये कह रहा था तो स्थानीय पुलिस अधिकारी उसके ठीक बगल में बैठे हुए थे।

रिपोर्टों के अनुसार मामला केटलथोर्प हाईस्कूल (Kettlethorpe High School) का है। वहाँ 10वीं कक्षा के कुछ बच्चों के बीच वीडियो गेम का खेल चल रहा था। इस दौरान हारने वाले ग्रुप को हर्जाने के तौर पर कुरान लाने के लिए कहा गया। अगले दिन जब किशोर कुरान लेकर स्कूल पहुँचा तो उससे कुरान नीचे गिर गई और थोड़ी क्षतिग्रस्त हो गई। इसी घटना पर इस्लाम को मानने वाले छात्रों ने इस पर आपत्ति जताई।

पिछले सप्ताह हुई इस घटना में शामिल सभी चार छात्रों को निलंबित कर दिया गया। साथ ही बात पुलिस तक पहुँच गई। वेस्ट यॉर्कशायर पुलिस का कहना है कि जिस तरह मामले को तूल दिया गया है यह चिंता का विषय है। पुलिस का कहना है कि कुछ स्थानीय नेताओं और इस्लामवादियों ने घटना को लेकर झूठ फैलाना शुरू कर दिया।

कहा जा रहा है कि मुस्लिम छात्रों के अभिभावकों और इस्लामवादियों ने कुरान जलाए जाने जैसी झूठी अफवाहें फैलानी शुरू कर दीं, जिससे हालात खराब होने लगे। कथित तौर पर एक स्थानीय मस्जिद में इसे लेकर बैठक भी हुई। अफवाहों की वजह से लोकल नेता और अभिभावक चिंतित हैं। यहाँ तक कि एक स्थानीय श्रम पार्षद उस्मान अली ने ट्विटर पर झूठ फैलाते हुए कहा कि कुरान को ‘अपवित्र’ किया गया और इस ‘गंभीर एवं उत्तेजक कार्रवाई’ से तत्काल निपटने की जरूरत है।

सोशल मीडिया पर 14 वर्षीय किशोर की माँ का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह इस्लामवादियों से क्षमा याचना करती सुनी जा रही हैं। बेटे को मिल रही मौत की धमकियों से डरी एक माँ ने कहा है कि उनका बेटा निर्दोष है। उसकी उम्र सिर्फ 14 साल है और उससे जो भी हुआ वह गलत इरादे से नहीं बल्कि गलती से हुआ। उसने कहा कि घटना से उसके बेटे को भी दुख पहुँचा है। वह इसके लिए माफी माँग रहा है।

किशोर की माँ कह रही हैं कि उसे जान से मारने की धमकियाँ मिली हैं। कहा जा रहा है कि यदि वह स्कूल वापस जाता है तो उसे पीटा जाएगा। इससे किशोर और उसकी माँ सहमे हुए हैं। घटना की जाँच कर रहे अधिकारियों का कहना है कि कि घटना में कुरान को मामूली सा नुकसान पहुँचा है। यह कोई अपराध का नहीं बल्कि बच्चों की शरारत का मामला है।

पुलिस ने कहा है कि इसे गैर अपराधिक घृणा की घटना (Non criminal hate incident) के रूप में पंजीकृत किया गया था। स्कूल के हेडमास्टर ट्यूडर ग्रिफिथ्स ने भी कहा है कि बच्चों ने किसी दुर्भावनापूर्ण इरादे के साथ कुरान की बेअदबी नहीं की। लेकिन छात्रों को इसलिए सस्पेंड किया गया क्योंकि उन्होंने कुरान को संभाल कर नहीं रखा जिससे वह गिर गया। कुरान जैसी किताब को सम्मानित तरीके से रखने की जरूरत थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया