फिर सामने आई कनाडा की दोगलई: जी-7 में शांति पाठ, संसद में आतंकी निज्जर को श्रद्धांजलि; खालिस्तानियों ने कंगारू कोर्ट में PM मोदी को दी फाँसी

निज्जर को कनाडा की संसद में दी गई श्रद्धांजलि (फोटो साभार : टीवी9 भारतवर्ष/टाइम्स)

कनाडा सरकार का दोहरा चेहरा एक बार फिर से बेनकाब हुआ है। एक तरफ कनाडा का प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जी-7 के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करता है और दोनों देशों के बीच सहयोग की बात करता है, तो दूसरी तरफ वो खालिस्तानी आतंकियों के प्रति अपना रवैया बदलता नहीं दिख रहा है। कनाडा में एक साल पहले मारे गए खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को कनाडा की संसद में न सिर्फ श्रद्धांजलि दी गई, बल्कि उसके सम्मान में 2 मिनट का मौन रखकर उसे इज्जत भी दी।

ये वही हरदीप सिंह निज्जर है, जिसकी कनाडा में हत्या के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खुलेआम बिना किसी ठोस सबूत के भारत का नाम घसीटा था। जिसकी वजह से दोनों देशों के बीच तनाव हो गया था। इस बीच, वैंकूवर में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थकों ने रैली निकाली और प्रदर्शन भी किया। खालिस्तान समर्थकों ने पीएम मोदी के पुतले के खिलाफ फर्जी केस चलाकर सुनवाई भी की और पुतले को फाँसी पर भी लटकाया। इस मामले में भारत सरकार ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा की संसद ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के लिए दो मिनट का मौन रखकर उसे श्रद्धांजलि दी, कनाडाई संसद ने यह शर्मनाक हरकत तब की है जब 23 जून को कनिष्क विमान हादसे के 39 साल पूरे हो रहे हैं। कनिष्क विमान में धमाका हुआ था, जिस पर आरोप खालिस्तानी आतंकियों पर लगा था। इस धमाके में कनाडाई नागरिकों की भी मौत हुई थी, जिसे कनाडा के इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जाता है। इन सबके बावजूद कनाडा न सिर्फ खालिस्तानी तत्वों को आश्रय दे रहा है, बल्कि बढ़ावा भी दे रहा है। आज खालिस्तानी तत्व कनाडा की राजनीति पर अहम पकड़ रखने लगे हैं। यही नहीं, कनाडा की संसद नाजी सैनिक को भी संसद में सम्मान दे चुकी है।

बता दें कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल 18 जून को एक गुरुद्वारे की पार्किंग में हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हरदीप सिंह कनाडा के वैंकूवर शहर स्थित गुरु नानक सिख गुरुद्वारा का अध्यक्ष भी था। हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तान आंदोलन से जुड़ा भारतीय मूल का एक कनाडाई सिख अलगाववादी नेता था। भारत सरकार की ओर से उसे आतंकवादी घोषित किया गया था। वह आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स से जुड़ा हुआ था।

पीएम मोदी पर चर्चा हत्या का मुकदमा

इस बीच, मंगलवार (18 जून 2024) को वैंकूवर में भारतीय दूतावास के सामने खालिस्तान समर्थकों ने रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने सड़कों पर पीएम मोदी पर मुकदमा चलाने जैसी झाँकी निकाली और प्रतीकात्मक रूप से उन्हें मुजरिम के तौर पर पेश किया। यही नहीं, मॉक ट्रायल शुरू होने से पहले जेल की वर्दी पहने मोदी के पुतले को एक अस्थायी पिंजरे में रखकर सड़क पर घुमाया गया। इसके बाद उनके पुतले को सजा सुनाई गई और फाँसी दे दी गई। इस मामले पर भारत सरकार ने तीखा विरोध दर्ज कराया और कनाडा को सबूतों के साथ डाँट लगाई। भारतीय दूतावास ने कनाडा की सरकार से एक बार फिर से कहा है कि वो खालिस्तानी तत्वों और भारत सरकार के विरोधियों को बढ़ावा न दे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया