जिसने यहूदियों का किया कत्लेआम, उसे कनाडा की संसद में खड़े होकर सम्मान, पोलैंड बोला – माफ़ी माँगो: ट्रूडो के साथ-साथ यूक्रेन वाले जेलेंस्की को भी लोगों ने घेरा

कनाडा की संसद में नाजी सैनिक का सम्मान (फोटो साभार : ट्विटर_Cinemablend/Witold Dzielski)

कनाडा दुनिया भर के अलगाववादियों का सुरक्षित पनाहगार देश बन चुका है। हाल ही में कनाडा की संसद में एक ऐसे शख्स का सम्मान किया गया और उसे 2 बार स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया, जो लाखों यहूदियों के कत्ल के जिम्मेदार नाजी सैनिकों के स्वयंसेवकों में शामिल था। उसे बेशक सोवियत रूस के खिलाफ लड़ाई लड़ी हो, लेकिन वो यहूदियों का कत्लेआम करने वाले नाजी सैनिकों में से था। इस शख्स का नाम यारोस्लाव हुंका है, और इसके उम्र 98 वर्ष है।

ट्रूडो-जेलेंस्की ने दिया स्टैंडिंग ओवेशन

यूक्रेन की संसद के अध्यक्ष एंथनी रोटा ने जस्टिन ट्रूडो, संसद के सदस्यों और यूक्रेन के राष्ट्रपति के सामने यारोस्लाव हुंका का परिचय रुसियों के खिलाफ लड़ने वाले शख्स के रूप में दिया और वॉर हीरो की तरह उनका सम्मान करवाया। इस दौरान ट्रूडो-जेलेंस्की सभी ने 2 बार हुंका को स्टैंडिंग ओवेशन दिया। इसके जवाब में हुंका ने सैल्यूट देकर सभी का अभिवादन स्वीकार किया।

यहूदियों को मारने वाले नाजियों के साथी का सम्मान

बाद में एंथनी रोटा ने कहा कि उन्हें हुंका के बारे में पता नहीं था। बाद में ये बात सामने आई कि हुंका हिटलर की सेना में शामिल नाजियों के स्वयंसेवकों में से थे और रूस के खिलाफ युद्ध में हिस्सा लिया था। हुंका नाजी सेना के फर्स्ट यूक्रेनियन डिविजन से थे, जो एसएस 14 वाफैन डिविजन भी कहलाती थी। ये स्वयंसेवकों की यूनिट थी, जिसकी सीधी कमान हिटलर के हाथों में थी। वो उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें कनाडा ने शरण दिया था, ये कहते हुए कि इस डिवीजन के खिलाफ युद्ध अपराध साबित नहीं हुए थे।

कनाडा के संसद के अध्यक्ष ने माँगी माफी

एंथनी रोटा ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के भाषण के बाद मैंने देखा कि गैलरी में हुंका हैं। वो उनके इलाके ‘रोटा’ के ही रहने वाले हैं। उन्होंने कहा, “लेकिन मुझे या संसद में मौजूद किसी को भी हुंका के असली अतीत के बारे में नहीं पता था। ऐसे में मैंने जो कुछ भी किया, मैं उसकी जिम्मेदारी लेता हूँ। मैं कनाडा समेत दुनिया भर में रहने वाले यहूदियों से माफी माँगता हूँ।”

पोलैंड बोला – माफी के अलावा जिम्मेदारी भी तय हो

इस मामले में पोलैंड के राजदूत ने कनाडा की सरकार पर तीखा हमला बोला। पोलैंड के राजदूत ने कहा कि सिर्फ माफी माँगने से ही काम नहीं चलेगा, इसके लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।

हत्यारों का सेफ हैवेन बन चुका है कनाडा

बता दें कि साल 2014 में एक नाजी शिकारी स्टीव रैमबम ने कहा था कि कनाडा वॉर क्रिमिनल्स के लिए सेफ हैवेल की तरह है। भारत सरकार भी कनाडा को लेकर यही आरोप लगाती है। भारत सरकार ने कनाडा पर खालिस्तानी आतंकियों की शरणस्थली होने का आरोप लगाया है। इस मामले में अब रूस ने भी कनाडा को खरी-खोटी सुनाई है।

लाखों यहूदियों को उतारा गया था मौत के घाट

गौरतलब है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान लाखों यहूदियों को नाजी सेना ने मौत के घाट उतार दिया था। उन्हें गोलियों से भून दिया गया था, या गैस चैंबरों में डाल दिया गया था। इस घटना को होलोकास्ट का नाम दिया गया है, जिसमें यहूदियों पर नाजी सेना का कहर बरपा था। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की खुद यहूदी हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उनके खुद के रिश्तेदार भी नाजियों के कहर का शिकार बने थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया